घुटने टिकाये सर झुकाये पुलिस अच्छी नहीं लगती (कविता)

police

घुटने टिकाये,सर झुकाये,

पुलिस अच्छी नहीं लगती,

वास्तविक होती हुई भी,

यह तस्वीर सच्ची नहीं लगती ।4।

जो भीड़ से माफी मांग रहे,

उनपर खाकी नहीं फबती,

तोड़फोड़ के तमाशबीनों पर,

वर्दी एकदम नहीं जँचती ।8।

इतना भर चुके हो ग्लानि से,

तो छोड़ो डंडा ,उठाओ कमंडल,

क्षमाक्षील औ’ क्षमाप्रार्थी,

खोल दो वर्दी,पहन लो वलकल।12।

अबकी बार झुके हो खुद से,

अब भीड़ बारंबार दबाएगी,

हर गली हर चौराहे पर,

उन्मादी होकर इतराएगी ।16।

शहर-शहर में देश-देश में,

मिनेसोटा याद दिलाएगी,

आंदोलनों की आड़ में जाने,

कितने मासूमों को लील जाएगी।20।

सावधान रहना अब प्रहरी!

कहीं भेड़िये बना न दें जंगल,

एक टुकड़ी के आत्मसमर्पण से,

मिला है हुल्लड़बाजों को संबल ! (24)

सिर्फ पुलिस नहीं पूरा तंत्र झुका है,

गुरिल्लाओं से भय खाकर,

न जाने अब कितने प्रेरित होंगे,

क्रांति की फर्जी कसमें खाकर।28।

======================================================================================================================================

#Minnesota  #GeorgeFloyd #Minnepolis

#USRaceRiots #RacisminUSA #Racism

#BlackLivesMatter #PoliceSaysSorry

#पुलिस #मनोबल #रंगभेद #हिन्दीकविता #कविता #hindipoetry

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s