महाकवि रामधारी सिंह दिनकर काँग्रेस सदस्य के रूप में 1952 से 1964 तक राज्यसभा के सांसद रहे । प्रखर समाजवादी राम मनोहर लोहिया ने 1963 में लोकसभा उपचुनाव जीत कर प्रथम बार संसद में प्रवेश किया । दोनों विभूतियों में पहले से सामान्य परिचय था जिसने धीरे-धीरे मित्रता और परस्पर सम्मान का स्वरूप धारण कर…
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दुहज़ारी निवृत्त, दसिया विकृत
बात तब की है जब दुहज़ारी की नोटबंदी नहीं हुई थी. दु हज़ार चालीस रुपये जेब में लिए- लिए भक्कु पूरे तीस हजारी में फिर लिया, पर न अपनी चाय- सिग्रेट की तलब मिटा सका, न ही गन्ने का रस अथवा कोल्ड ड्रिंक पी कर प्यास ही बुझा पाया. दुहज़ारी बस बटुए की शोभा है,…
चिकन चंगेज़ी खायेगा चू (लघु कथा)
कल मियां साहब की बारात थी. ज़माना उन्हें सर्राखों पर बैठाये हुए था. रईसों जैसे ठाठ, शहजादों जैसा रौब. शादी के जलसे की रात थी जनाब. सजीधजी दुल्हन उनकी बेगम बनने का इंतज़ार कर रही थी. गाजे-बाजे बजाता काफिला ससुराल पहुंचा. लड़कीवालों ने बड़े के आइटामों का इंतज़ाम कर रखा था. मियां साहब के संगी-…
सापेक्ष समय की निष्ठुर निरपेक्षता (कविता)
आगे खड़े समय को दूरबीन से ताकता हूँ,दूर कहीं खड़ा दिये-सा टिमतिमाता है,पीछे छूटा समय मेरी अकर्मण्यता को कोसता है,मील का पत्थर था, अब उसके चिह्न मिटाने हैं,आने वाली बेला हाथ बढ़ाकर बुलाती है,निकल चुकी घड़ी मेरी कलाई नहीं छोड़ती. वर्तमान के पास समयाभाव है-कहने को समय है लेकिन पलों का कोष रिक्त,सोचते- सोचते बीत…
अमृतपाल फरार है पर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है
चिंता का कौनो बात नहीं है । पंजाब में सिचुएसन इज़ अंडर कंट्रोल । हाँ, अमृतपाल पुलिस का चमन काटकर निकल भागा है और स्याला खोत्या रोज़ गच्चे पर गच्चे भी दिये जा रहा है । पर खबरों की मानें तो वह चौबीसों घंटे, यहाँ तक कि हगते-मूतते समय भी पुलिस के राडार पर रहता…
कविता पर वश नहीं (मेरी कविता)
कब किसी कवि ने संकोच भला किया है,कहाँ कोई कलम नियमों में बंध पायी है,क्या पृष्ठ कभी स्वयं के रंगे जाने पर खीजा है,कौन सा विचार कौंधने से पहले झिझका है,श्रोताओं ने भी नहीं कभी उदासीनता दर्शायी है,फिर क्यों बढ़ रही जीवन और कविता में खाई है. गद्य ने चाहे कर दिया हो समर्पण,पत्रकारों ने…
अरुणिका की प्रतीक्षा (कविता)
टूटते अंधेरे से फूटती पौ में बिछी काली सड़क की देह विद्यमान है, अनवरत बहते यातायात से किन्तु स्वप्न और संकल्प सप्राण हैं . मदधम शीतल पवन में, धीमे-से सरसराती झाड़ियाँ, पास आते वाहनों का दंभी कोलाहल, दूर जाते हुओं के वेग का आवेग, उड़ती हुई पन्नियाँ और धूल, बिखरे पड़े कागज़ और…
The Choke’s Collection of Duds- Death of Indian Cricket
Rahul Dravid is not a coach. He is The Choke. As a captain, he led one of the most listless Indian squads to an ignominious exit from the league stages of the World Cup 2007. His years as the captain of Rajasthan Royals saw spot-fixing getting rampant. In 2022, Jamie Dravid of Indra Nagar has…
रह गया रामनाम, शांत हुआ द्रोह (कविता)
बीत गए भले बत्तीस साल, जो लहू गिराया था अब तक है लाल, श्वासें हैं अब भी गर्म, स्मृतियाँ भावभीनी, नम. अयोध्या में गुंजायमान हैं आज तक,चिरकाल तक देंगे सुनाई, गोली-खाते रामसेवकों के अंतिम उद्घोष,कैसे भुला दिए जाएं इस कठोर के समस्त दोष?मृत्यु में कहाँ क्षमादान निहित है?ऐतिहासिक मूल्यांकन में निजी व्यवहार अनुपस्थित है. अपनों के…
नासा का फिदायीन तैयार, अब बच जाएगा संसार
अमरीकी रक्षा तंत्र और कॉर्पोरेट गठजोड़ सदैव किसी ऐसे शक्तिशाली, प्राणघातक शत्रु को चिन्हित करने में व्यस्त रहता है, जिसके विरुद्ध वह अपनी समस्त सैन्य एवं तकनीकी-प्रौद्योगिक क्षमता को लामबंद कर सके । यह मूल अमरीकी प्रवृति है – शत्रु अपने आप खड़ा हो जाए तो ठीक, नहीं तो उसे येन-केन-प्रकारेण पैदा किया जाए ।…
धंधा या वंशवाद ? (कविता)
वकील का लड़का जज बनेगा,जज का लड़का वकील,वंशवाद नहीं, धंधा है ये,तुम देते रहो दलील,ज्यादा दुखता हो पेट में,तो कर दो फाइल अपील,काले कौवे सारे मिलकर,कर देंगे तुम्हें ज़लील. कहते हैं व्यवस्था इसको,चलता इसमें खून-पैसा-जुगाड़,औलाद ही बाप की वारिस है, बाप खोलता है बंद किवाड़,दोष न निकालो अगले का,चलना सबको यही है दांव,है पास में…
China is not Maharashtra – Pray don’t Search for Leads!
Bloody hell, China is neither Goa, nor Maharashtra. (I’m leaving out Bihar here) It is not a fickle democracy, rather sophistically termed as people’s democracy. Even the coup against the Ts took a long while to brew before it could be confirmed that Brutus had indeed ran away to Gujarat with dozens of other turncoats….