सोया पड़ा सेंगोल उठकर चला नयी संसद की ओर

आनंद भवन संग्रहालय में सोया पड़ा था एक सेंगोल । काल उसे चुका था पूरी तरह भुला । नेहरू ने माउण्टबेटन से उसे स्वीकार तो कर लिया था, परंतु उसके बाद पोंगल प्रदेश से आया यह सेंगोल गुमनामी के अंधेरे में खो गया । संग्रहालय में इसे पंडित जी की छड़ी या बेंत बताकर दिखाया…

लोहिया बनाम नेहरू में फसे रामधारी सिंह दिनकर

महाकवि रामधारी सिंह दिनकर काँग्रेस सदस्य के रूप में 1952 से 1964 तक राज्यसभा के सांसद रहे । प्रखर समाजवादी राम मनोहर लोहिया ने 1963 में लोकसभा उपचुनाव जीत कर प्रथम बार संसद में प्रवेश किया । दोनों विभूतियों में पहले से सामान्य परिचय था जिसने धीरे-धीरे मित्रता और परस्पर सम्मान का स्वरूप धारण कर…

Medvedev does not hate Clay no more

Red-hot Rune came all guns blazing in the rain-delayed final at Forzia Italia, but Medvedev was ready to slam back everything that was hurled at him by the pocket dynamo. The relentless Rune forced many break points in the first few games served by the tall ‘Russian without the flag’, but could not convert any…

दुहज़ारी निवृत्त, दसिया विकृत

बात तब की है जब दुहज़ारी की नोटबंदी नहीं हुई थी. दु हज़ार चालीस रुपये जेब में लिए- लिए भक्कु पूरे तीस हजारी में फिर लिया, पर न अपनी चाय- सिग्रेट की तलब मिटा सका, न ही गन्ने का रस अथवा कोल्ड ड्रिंक पी कर प्यास ही बुझा पाया. दुहज़ारी बस बटुए की शोभा है,…

समय ने सम्पत को दौड़ा ही दिया (लघु कथा)

सम्पत पिछले पच्चीस सालों से दौड़ा नहीं था । इतने सालों में वह जहां भी गया चल कर गया । जाने की जल्दी भी हुई तो गाड़ी में बैठ कर गया, या फिर जहाज़ में उड़कर । काल उसपर इतना भारी कभी नहीं हो पाया की दौड़ा ही दे । कभी पैदल चलकर समय पर…

चिकन चंगेज़ी खायेगा चू (लघु कथा)

कल मियां साहब की बारात थी. ज़माना उन्हें सर्राखों पर बैठाये हुए था. रईसों जैसे ठाठ, शहजादों जैसा रौब. शादी के जलसे की रात थी जनाब. सजीधजी दुल्हन उनकी बेगम बनने का इंतज़ार कर रही थी. गाजे-बाजे बजाता काफिला ससुराल पहुंचा. लड़कीवालों ने बड़े के आइटामों का इंतज़ाम कर रखा था. मियां साहब के संगी-…

Maharana Pratap – The Leader of the Mewar Resistance

Pratap- The word is used to denote something that glows, and signifies glory and majesty.  The name, though, must stand for absolute stubbornness in the noble pursuit of retaining independence. Why, one might ask, should such stock have been placed on retention of freedom? Why should you have strived to remain free, in process inviting…

परिचर्चा इतनी उत्कृष्ट है तो पुस्तक कितनी आनंददायक होगी – चलो बनारस !

लल्लनटॉप द्विवेदी और व्योमेश शुक्ल के मध्य हुए अस्सी मिनट के एक वार्तालाप को श्रवण कर मेरे अन्तर्मन का बनारसी अस्सी घाट की ऐसी एक साँझ में जा टिका जब वहाँ से कुछ ही आगे ध्रुपद मेले का आयोजन हो रहा है , और ऐसा प्रतीत होता है मानो रुद्र वीणा से निकलती तरंगें गंगा…

आनंद मोहन सिंह के मानवाधिकारों की खातिर…..

आनंद मोहन की ससुराल से रिहाई को व्यक्तिगत पराजय के रूप में लेने की आवश्यकता नहीं है । उसका छूटना और उसके छूटने पर राजनैतिक सर्वसम्मति बनना हमें सामाजिक संरचना और लोकतन्त्र के स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बता रहे हैं, जिस पर चिंतन-मनन होना चाहिए । यह नहीं कि रिहाई से तुनककर तंत्र…

हम सब मजदूर हैं, फिर यह स्वीकारने में झिझकते क्यूँ हैं?

हर वह मनुष्य एक श्रमिक है जो निर्वहन के कुचक्र में फसा होने के चलते अपने समय और अपनी क्रियाशीलता का स्वामी नहीं है । जिसकी घड़ी उसकी मनोदशा के हिसाब से नहीं चलती, जिसे शिथिलता त्याग कर इच्छा के विपरीत और समय के अनुसार जुगत लगानी पड़ जाती हो, वही एक कामगार है ।…

गुड्डू मुस्लिम और सत्तू गोलगप्पा के चलते बकलोली का बाज़ार गरम

“मेन बात यह है कि गुड्डू मुस्लिम ……”, फिर धाँय-धाँय-धाँय…..और सारे सपने सच। कुख्यात अपराधी अशरफ के मुंह से अब अमर हो चुका यह अर्धवाक्य तब झर ही रहा था कि जब शूटरों ने उसकी और उसके भाई अतीक अहमद की गिद्धलीला पर विराम लगा दिया । अतीक और अशरफ अल्लाह मियां को प्यारे हो…

मेरी कमीज़ की जेब में छिपकली रहती है (कविता)

मेरी कमीज़ की जेब में एक छिपकली रहती है, टंगी हो, तब साकार रहती है, पहनी होने पर उसका विचार रहता है. छिपकली का विचार क्या होता है? हिलना-डुलना मना है एकदम, मौत से स्थिर, पूर्णतया ध्यानमग्न, फेंक अभिलाषा की जिह्वा लंबी, फसा ले कीड़ा-कुटकुट, अपना भोजन, आड़ को ट्यूबलाइट चाहिए, या दीवाल घड़ी, या…