NADAV LAPID – A SELF-GOAL by INDIA

Nadav Lapid is a free man who makes good films, and has the right to air his views. He was invited to Goa to the head the IFFI jury by Indian officials. His understanding of cinema is his own to savour and propagate. That he condemned The Kashmir Files as ‘vulgar’ and ‘propaganda’ is his…

उलझा पाकिस्तान – बाजवा रुके या जाए ? इमरान को भला कौन क्या समझाये?

इमरान खान को गोली लगी कि गोलियां, ठीक से कहा नहीं जा सकता । चली थीं चार, पहले बताया गया लगीं हैं दो – दोनों पाँव में एक-एक, फिर किसी ने बतलाया तीन, और अब सरकारी हवाले से एक ही गोली लगने की बात मानी जा रही है । अब हक़ीक़ी आज़ादी लॉन्ग मार्च के…

हम सिनेमा भी देखें तो सांप्रदायिक (कविता)

कल तक हम वोट देकर, मनपसंद सरकार चुनकर धर्मांध थे, आज हम एक सिनेमा देखकर ही सांप्रदायिक हो गए, हमारे पूजा-पाठ-मंदिरों से तो सदैव समस्या रही है, कल को ऐसा न हो कि हमारा होना ही तुम्हें खटकने लगे , और सिनेमा क्या है, वह हमारी नपुंसकता का दस्तावेज़ है, काँपते हाथों से आँसू छिपाकर…

What is Im the Dim doing in Russia on a Fateful Day like this?

I doff my cap in the honour of the Wazeer-e-Azam of Pakistan, Imran Khan. The man has some wicked sense of timing as is as shameless and full-of-himself as any leader of Pakistan should be. “What a time I have come, there is so much excitement”, he was seen giggling and overheard telling a Russian…

पाकिस्तानी क्रिकेटरों की साफ़गोई का कायल होता जा रहा हूँ (व्यंग्य)

विश्व कप में बारह बार हारने के बाद पाकिस्तान को अंततः भारत पर जीत नसीब हुई । छियान्वे से हरे वकार युनूस के घावों पर अब जाकर कुछ मलहम लगा । कसम से जडेजा ने तब इसे बड़ा कस के कूटा था ।  तीस साल बाद मिली इस दुर्लभ खुशी में भी वकार को सबसे…

कुफ़्र-काफिर पर ऐतराज नहीं, झांट-झंटुए और *टुए पर है ? (निबंध)

परसों तक सब्र ही तोड़ते थे, कल कुफ़्र भी तोड़ दिया । सब्र का क्या है साहब । हम लोग काफिर हैं, बारह सौ साल से बुतशिकनों की नफरत खत्म होने का इंतज़ार कर रहे हैं । कश्मीर में आज भी हमारे लोग मारे जा रहे हैं । शर्म बस हमें आती नहीं । क्रिकेट…

इमरान, आपने घबराना नहीं है (कविता)

बीते हफ्ते तालिबान खान का दिल भर आया संयुक्त राष्ट्र में प्री-रेकॉर्डएड स्पीच चलवाया अमरीका को निरा-कृतघ्न राष्ट्र बतलाया पाकिस्तान को वार ऑन टेरर का विक्टिम दिखाया पश्चिम पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया कश्मीर के लिए इमरान को बहुत रोना आया भारत को फासीवाद की गिरफ्त में बताया देखो ,मोदी ने बातचीत को आगे…

26/11 : राष्ट्रीय शर्म की बरसी आपको बहुत, बहुत मुबारक (कविता)

दरिया के रास्ते आए, सुरक्षा तंत्र को सोता हुआ पाये, जिहादी सुवरों ने सड़कों पर, रेलवे स्टेशनों पर, हस्पतालों, होटलों में, आम जनता को दौड़ा-दौड़ा कर, डरा- धमका कर मारा, भारत ने इस आक्रमण को भी पचा डाला ! (8) पाकिस्तान मार गया तमाचा, बेवजह, सरेआम, हिंसा, दहशथ, जिहाद फैलाना ही उसका काम, वह आदतन…

H. Hawksley’s Dragon Fire – China & Pakistan Gang-up Against India

Humphrey Hawksley’s novel was published in the year 2000 in the immediate aftermath of the nuclear tests by India and Pakistan, and then the subsequent Kargil War. The subcontinent was then considered as the ‘most dangerous place on earth’. Twenty years later, his doomsday scenario holds more relevant and closer to realization that ever before….