सापेक्ष समय की निष्ठुर निरपेक्षता (कविता)

आगे खड़े समय को दूरबीन से ताकता हूँ,दूर कहीं खड़ा दिये-सा टिमतिमाता है,पीछे छूटा समय मेरी अकर्मण्यता को कोसता है,मील का पत्थर था, अब उसके चिह्न मिटाने हैं,आने वाली बेला हाथ बढ़ाकर बुलाती है,निकल चुकी घड़ी मेरी कलाई नहीं छोड़ती. वर्तमान के पास समयाभाव है-कहने को समय है लेकिन पलों का कोष रिक्त,सोचते- सोचते बीत…

मोक्षदायिनी पुण्यसलिला (मेरी कविता)

तर्क जब भी उतरा तरंगिणी में, सदैव उसे परिवर्तित पाया, कल भी शिप्रा, आज भी शिप्रा, मुझे न अंतर समझ में आया, जब भी उतरा मैं सरिता में, माँ ने ममता से नहलाया, प्राणप्रदायी, पुण्यसलिला, मुक्ति याचक तट पर है आया, धवल जल में कर्म धो-धोकर, आंचल मैला हुआ सदानीरा, प्रवाहमान पर भक्ति भाव से,…

सड़क चकाचक बिछी हुई (मेरी कविता)

फसल कट गयी रे भाया, अब सूणो-सूणो लागे रे, धूप चढ़ गयी सिर पर म्हारे, आलस रो घोड़ो भाग्यो रे, सड़क चकाचक बिछी हुई, म्हूँ खूब दुड़ाऊँ फटफटिया, जद एक सड़क दो में बट ली, तो कठे मुड़ूँ तू या बतला, पेड़ एक कोणी रस्ता मह, ताप म्हणे घणौ लागे, पोल डल्या छ बजली का,…

अमृतपाल फरार है पर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है

चिंता का कौनो बात नहीं है । पंजाब में सिचुएसन इज़ अंडर कंट्रोल । हाँ, अमृतपाल पुलिस का चमन काटकर निकल भागा है और स्याला खोत्या रोज़ गच्चे पर गच्चे भी दिये जा रहा है । पर खबरों की मानें तो वह चौबीसों घंटे, यहाँ तक कि हगते-मूतते समय भी पुलिस के राडार पर रहता…

Could not have been Better, hence I Wish Pathaan was Worse!

 “A soldier doesn’t ask what his country ever did for him, rather what more could he do for his country.” The atrocious motion picture should have ended with the only good dialogue there was, may JFK rest in peace. But the makers couldn’t have disappointed their audience which can’t seem to have enough of the…

आयु का खेल (मेरी कविता)

इतने वर्षों में यह तक जान नहीं पाया कि समय के साथ आयु बढ़ती है या घटती जाती है ? साथ समय के घटती है समझ, इतना तो हूँ समझता, वृद्ध भला क्या समझेगा वर्तमान को? अवस्था का लेकिन समझदारी से नहीं, लेना-देना है तो स्वप्नों के मूर्त विधान से,         (साकार होने से, tangible) परिवर्तन…

हर समय ही संक्रमण काल है (कविता)

हर समय ही ‘संक्रमण काल’ चल रहा होता है, हर समय परिवर्तन की बयार बह रही होती है, यह घड़ी-भर निकल जाये, अबकी बार स्वास्थ्य ठीक हो जाए, अबके चुनाव जैसे-तैसे निपट जाएँ, यह परीक्षा पूर्ण हो जाये, स्थानांतरण हो सकता है, अब हो जाने दिया जाये, ऋतु तो बदल जाने दो, बाज़ार गिरा हुआ…

A Viceroy’s Assassination that served No Purpose

Richard Southwell Bourke was a travel fiend. The Sixth Earl of Mayo spent three years in India as the Viceroy of the Crown and covered almost 20000 miles on foot, horseback, trains, bullock carts, boats and ships. No location was too remote for him, no journey not worth undertaking. Be it the call of duty,…

कविता पर वश नहीं (मेरी कविता)

कब किसी कवि ने संकोच भला किया है,कहाँ कोई कलम नियमों में बंध पायी है,क्या पृष्ठ कभी स्वयं के रंगे जाने पर खीजा है,कौन सा विचार कौंधने से पहले झिझका है,श्रोताओं ने भी नहीं कभी उदासीनता दर्शायी है,फिर क्यों बढ़ रही जीवन और कविता में खाई है. गद्य ने चाहे कर दिया हो समर्पण,पत्रकारों ने…

लॉयन ने बीसीसीआई की मारी होल्कर में खोलकर – इंदौर टेस्ट में भारत की शर्मनाक हार

मालवा में पानी की कमी है । पिच की ठीक से तराई नहीं हुई तो सूखा रह गया । बिना घास के ढीले विकट पर पहले अवर से ही धूल उड़ने लगी थी । मैच की पाँचवी गेंद को बेतहाशा टर्न मिला । कंगारू स्पिन तिकड़ी के सामने आईपीएल सुपरस्टार्स के होश फाख्ता हो गए…