चीन, चौथी वेव और आता हुआ लॉकडाउन? (खरीखोटी)

का गुरु? चौथी वेव कब बुला रहे ? अरे आयेगा, आयेगा । धीरज रखिए । बताकर नहीं न आयेगा । अपने टाइम पर आयेगा । चीन को देख रहे हैं ना । हालत खराब है मतलब, एकदम खराब । औ’ जब कोरोना चीन का, जिसने उसे जन्म दिया, पीछा नहीं छोड़ रहा है, तो हमारा…

मैं चिल्लाया ‘सईद अनवर’ (कविता)

सड़क पर चलते-चलते, सौहार्द पर मनन करते,  यकायक मेरा पाँव गया मुड़, मैं ज़ोर से चिल्लाया, सईद अनवर, स ई ई द अन वर र र र….. लोगों ने आव देखा न ताव, ज़मीन पर लेट गए सोचकर, कि अब होगा धमाका, क्या पता बरसें गोलियां, कुछ नहीं हुआ तो भी उन्हें डर ने घेरे…

उसकी यात्रा और इसका भ्रमण (व्यंग्य)

नहीं साहब, किसी मित्र के विवाह में सम्मिलित होना कोई अपराध नहीं है, न हो सकता है । विवाह किसी का भी हो, मंगलमय अवसर है । और जो स्वयं वैवाहिक बंधन में जकड़े जाने को प्रस्तुत है, उसपर वामपंथी, लिब्रांडु अथवा वोक जैसे ठप्पे भी नहीं लगाए जा सकते ।  वह कैसा वामी-कोमी जो…

जुबां हिन्दी हो या केसरी – अजय देवगुण को फर्क नहीं पड़ता

सुदीप किच्चा ने भाषाओं के बारे में कुछ ज्ञान बांटा । क्या कहा, ये किसी को ठीक से पता नहीं है । केजीएफ़ 2 चलने के अहंकार में कुछ कह गया होगा । ज़बान केसरी अंकल को तो एकदम पता नहीं था जब उसने पलटट्वीट किया जहां उसने हिन्दी को ‘हमारी’ मातृभाषा और राष्ट्रभाषा करार…

An Innocuous Question in the Age of Wokism

I was walking inside a park, when I ran into an old acquaintance. She was walking her baby in a pram. They live in Montreal, and were in Kota to attend a family function. We exchanged pleasantries and made casual small talk.  The baby, hardly a year old, screamed for attention. “ We’re just moving,…

डूबते उर्दूवुड से विमल ने बुलवाया जुबां केसरी

क्या पिराबलम है जेंटल्मेन आपका ? पूरा देश अपनी ज़बान केसरी करते हुए दो अंगुलियाँ आँखों में डालने का इशारा कर रहा है, और आपको अक्षय कुमार के दोगलेपन की पड़ी है । पर गौर से देखो प्यारे, तीनों सुपरस्टार्स की आँखे सुरक्शित हैं क्यूंकी उन्होने महंगे गूगल पहने हुए हैं । महंगे गूगल, बड़ी-बड़ी…

पुंजापति, पुंजनम….पुं पुं के खेल में क्या बजेगी इसकी पुंगी?

अभी तक तो पुंजापति पूरी तरह से पचा नहीं था , ऊपर से पुंजनम की ओवरडोज़ हो गयी । तभी तो कल बहुत उल्टी की । आदमी को उम्र और स्वास्थ्य देखकर भोजन, और बुद्धि के हिसाब से ज्ञान इकट्ठा करना चाहिए । औंकता इंसान घृणा या उपहास का नहीं, दया का पात्र होता है…

Spare us your Wordle Scores

Know that you are a Wordle salesman at the very least if you have the knack for dumping your coloured cubes on social media. I should be harsher in my assessment of the trolls who interrupt my feed every day with their juvenile nonsense masquerading as intellectual masturbation. Football fans have a similar fascination with…

What is Im the Dim doing in Russia on a Fateful Day like this?

I doff my cap in the honour of the Wazeer-e-Azam of Pakistan, Imran Khan. The man has some wicked sense of timing as is as shameless and full-of-himself as any leader of Pakistan should be. “What a time I have come, there is so much excitement”, he was seen giggling and overheard telling a Russian…

सलमान सर्पदंश प्रसंग- अभियोग एवं निष्कर्ष

“…..सलमान को काटा !” हेडलाइन लंबी रही होगी, जल्दी में भाग रहे न्यूज़ टिकर पर मैं इतना ही पढ़ पाया । लव जिहाद का एंगल तो नहीं लगा, ईशनिन्दा अथवा बेअदबी करने वालों में से भी सल्लू लगता नहीं । और कुत्ते ने तो क्या ही काटा होगा ! कुत्ते अमीरज़ादों और छुट्टे सांडों को…

पूंजापति के बहाने राजा पूंजा का अपमान, गूँजापति तुम कैसे निकले इतने महान (व्यंग्य)

विद्वान जी को दुनिया भर का ज्ञान है । डंके की चोट पर कहते फिरते है कि उपनिषद पढे हैं । गंभीर व्यक्ति इस तरह अपने मोरपंख नहीं फैलाता । विद्वान महाशय टर्राते भी हैं, तो दुनिया को प्यार करने का, गले लगाने का और मानवता का निःशुल्क संदेश दे जाते हैं । आजकल हिन्दू…

कॉमेडी नहीं कर पा रहा, तो जा पत्रकार बन (व्यंग्य)

कहता तो स्वयं को कोमेडियन है, लेकिन अंतर्यामी जनता को अब न इसकी ज़बान पर भरोसा रहा है, न ही नीयत पर । पहले यह हास्य के नाम पर फूहड़ फब्तियाँ कसा करता था । फिर कुछ जोक्स निशाना भटक गए । तब से ही लेने के देने पड़ गए । नीच की नीचता सतह…