कल एक बूढ़ी लाश के अंतिम संस्कार में सम्मिलित हुआ । पोस्ट-कोरोना युग में अब मौत इत्यादि पर अधिक नाटक-नौटंकी नहीं होता । विदाई समारोहों की आदत सी पड़ गयी है । फिर यह जाने वाला तो अपने पीछे अधिक नौहागर भी नहीं छोड़ गया । ऐसे में उठावने से लेकर शवदाह तक कई मर्तबा…
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रोनी सूरत वाले पाकिस्तान के प्रथम पैरोकार रवीश पाणे को एक हल्का हाथ
रोन्दु रवीश पाणे, बाध्यकारी विरोधाभासी, पाकहितों के स्थायी संरक्षक, एमडीटीवी । सुनो रवीश्वा, ये बात एकदमे नहीं जँचती कि तुम बरसों से एंकर की तनख्वा उठा रहे हो, एसी कमरे में बैठे-बैठे जाने कितनी कुर्सियों की गद्दियाँ फाड़ चुके हो, पर इतना भी ज्ञान नहीं रखते कि भारत सरकार ने तुम्हारे तालिबनी मामूओं को कंधार-परांत…
दिन में अमिश रहता हूँ, रात को रवीश हो जाता हूँ
रो-जर फेडरर को हार और जीत पर फूट-फूट कर रोते देखा है। स्वयं बाबा ने भी सदन में आँसू बहाये हैं। वधु की विदाई के समय बहुत से वरों के नेत्र सजल होते देखे हैं । सेकंड वेव ने ऐसा विध्वंस मचाया कि प्रधान जी की आँखेँ भी डबडबा गईं । लेकिन रोना-रोना तो रवीश…
माई नेम इज़ शाहरुख अनुराग मिश्रा & आई एम ए टिक टॉक आर्टिस्ट
खुद का पाणे छिपा लिया रवीश कुमार ने , पर शाहरुख के अनुराग पर नहीं रुका । ‘बामन , कुत्ता , हाथी, नहीं जात के साथी’ वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए इस भूमिहार – ब्राह्मण ने जिस तरह मिश्रा-मिश्रा का भौंपू अपने ‘प्राइम टाइम’ प्रोपेगेंडा पर बजाया , उससे इस बात का जवाब अंततः…
The Whatsapp University
I often listen to journalist Ravish Kumar disparaging social media on his Prime Time.A fancy term which he throws around with careless abandon is ‘ Whatsapp University’ to refer to the knowledge or misinformation which gets circulated over the social media .One has every right to be satirical ,but trying to pass a private …