समाचार पत्रों को पलटिये, वे सामान्य जीवन और आम आदमी को सदैव ट्रोल करते मिलेंगे । वे सही मायनों में हास्य का पुलिंदा हैं । वैसे राजनीति और अपराध, जो अखबारों के दो प्रमुख स्तम्भ हैं, उनसे जुड़ी खबरों में हास्य, व्यंग्य, कटाक्ष, लांछन, उलाहने, तमाशा और निर्लज्जता अंतर्निहित हैं । इस कारण अधिकांश शीर्षकों…
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उदासी का राजकुमार या जली-कटी का होलसेल विक्रेता
कल एक बूढ़ी लाश के अंतिम संस्कार में सम्मिलित हुआ । पोस्ट-कोरोना युग में अब मौत इत्यादि पर अधिक नाटक-नौटंकी नहीं होता । विदाई समारोहों की आदत सी पड़ गयी है । फिर यह जाने वाला तो अपने पीछे अधिक नौहागर भी नहीं छोड़ गया । ऐसे में उठावने से लेकर शवदाह तक कई मर्तबा…
Spare us your Wordle Scores
Know that you are a Wordle salesman at the very least if you have the knack for dumping your coloured cubes on social media. I should be harsher in my assessment of the trolls who interrupt my feed every day with their juvenile nonsense masquerading as intellectual masturbation. Football fans have a similar fascination with…
न लड़ा, न जीता कोई चुनाव, फिर क्यूँ धरती पर नहीं पड़ रहे पाँव (कविता)
मैं नहीं जीता किसी चुनाव में, फिर भी हृदय गौरान्वित है, न कद बढ़ा, न पद मिला, फिर मन क्यूँ इतना आल्हादित है? तेरा भी क्या नुकसान हुआ, क्या दांव चला जो हार गया, बहुत मुंह चढ़ा कर बैठा है, आखिर क्यूँ इतना उद्वेलित है? बिना वजह की खुशी है प्यारे, आज जम कर फोडूंगा…
फ़ाल्टन्यूज़ ने थूक के चाटा जब यूपी पुलिस ने मारा सच का चांटा
फ़ाल्टन्यूज़ नाम का एक गिरोह फर्जी खबरें बनाने, चलाने और सच के साथ छेदछाड़ कर नेटिज़न्स को बरगालने के काम में रिपब्लिक ऑफ ट्विटर पर अत्यधिक सक्रिय है । इस फ़ाल्टन्यूज़ को चलाने वाले दो वामपंथी दलाल – एक गंजा और किसी चिड़ियाघर से भागा एक भालू- किसी भी खबर में हेराफेरी कर उसे सत्यनिष्ठा…
The Whatsapp University
I often listen to journalist Ravish Kumar disparaging social media on his Prime Time.A fancy term which he throws around with careless abandon is ‘ Whatsapp University’ to refer to the knowledge or misinformation which gets circulated over the social media .One has every right to be satirical ,but trying to pass a private …