ताले टूटते हैं, तहखाने खुलते हैं, सर्वे होते हैं, विडियोग्राफी होती है, न्यायालयों में साक्ष्य प्रस्तुत किये जाते हैं, वाद- विवाद होता है तभी तो इतिहास करवट लेता है, भगवान जागते हैं और शताब्दियों पूर्व हुए अन्याय का हिसाब- किताब होता है । बंद ताला या तहखाना किसी साध का अंत नहीं हो सकता ।…
Category: Hindutva & Loonies
मैं भी परशुराम (कविता)
एक हाथ में फरसा मेरे, दूसरे में वेद हो, शोषण होते देख मुझको परशुराम-सा क्रोध हो, आततायी को अनुशासित करना मेरा नित्य कर्म, सनातन की सेवा ही हो अब से मेरा परम धर्म ।4। कर सकूँ बेधड़क होकर गोवंश तस्करों का संघार, काँप जाएं सहस्त्रार्जुन-संतति सुनकर मेरी सिंह दहाड़, राम को भी टोक सकने का…
चौंकते रहो ! (कविता)
हर अवरोध पर चौंकना भले हमारी आदत बन गई हो, पर हमारा डीएनए नहीं बनना चाहिए, चुनौती सामने खड़ी है- स्पष्ट, चमकती हुई, प्रश्नवाचक बन कर, हमारा जवाब मांगती, हमें चेताती, चौकन्ना करती, छतों पर, खड़ी है– पत्थर लिए हाथों में, बोतलों में पेट्रोल भरे, (117 रुपए लीटर वाला वही महंगा पेट्रोल, जो तुमको न…
तुष्टीकरण, तेरे कितने नाम ?
दस-बारह करोड़ का घपला कोई धरतीफाड़ कांड नहीं होता । इतने में तो कुत्ते के गले का पट्टा या काले कौवे की फेन्सी ड्रेस वाली पोशाक भी नहीं आते । जो तुम्हें लगता हो आते हैं तो खरीद कर पहन लो । क्या गलत कहा है दिल्ली उच्च न्यायालय ने ? पेट्रोल इतना महंगा हो…
हम सिनेमा भी देखें तो सांप्रदायिक (कविता)
कल तक हम वोट देकर, मनपसंद सरकार चुनकर धर्मांध थे, आज हम एक सिनेमा देखकर ही सांप्रदायिक हो गए, हमारे पूजा-पाठ-मंदिरों से तो सदैव समस्या रही है, कल को ऐसा न हो कि हमारा होना ही तुम्हें खटकने लगे , और सिनेमा क्या है, वह हमारी नपुंसकता का दस्तावेज़ है, काँपते हाथों से आँसू छिपाकर…
पूंजापति के बहाने राजा पूंजा का अपमान, गूँजापति तुम कैसे निकले इतने महान (व्यंग्य)
विद्वान जी को दुनिया भर का ज्ञान है । डंके की चोट पर कहते फिरते है कि उपनिषद पढे हैं । गंभीर व्यक्ति इस तरह अपने मोरपंख नहीं फैलाता । विद्वान महाशय टर्राते भी हैं, तो दुनिया को प्यार करने का, गले लगाने का और मानवता का निःशुल्क संदेश दे जाते हैं । आजकल हिन्दू…
Hindutva & Hinduism- Hinduphobes perhaps Know more than Scriptures & the Supreme Court (An Essay)
The Supreme Court, in the ‘Shastri Yajnapurushadji’ judgement of 1966, attempted to narrate the meaning of historical and etymological genesis of the word ‘Hindu’ and to define HINDUISM, but concluded with these words- “Hinduism is impossible to define”. The Court adopted Radhakrishnan’s submission that Hinduism is complex, and the theist and atheist, the sceptic and…
सड़कें हर काम के लिए हैं (कविता)
जाम करने के लिए हैं, (चक्काजाम) जाम-से-जाम करने के लिए हैं, (शराब) दुआ-सलाम करने के लिए हैं, नित्य काम करने के लिए हैं, (पाख़ाना) माहौल बने तो शाही हमाम करने के लिए हैं, (स्नान) नाटक सरेआम करने के लिए हैं, (नुक्कड़ नाटक) चुनावी ऐलान करने के लिए हैं, (सभाएं) सारे कायदे हराम करने के…
क्या था बाबर और उसके बाप का ख्वाब-ए-हिंदुस्तान ?
Hotstar पर हालिया रिलीज़ हुई The Empire में बाबर को अपने वालिद मिर्ज़ा उमर शेख के ख्वाब-ए-हिंदुस्तान को बहुत शिद्दत से लेते हुए दिखाया गया है । मिर्ज़ा उमर निहायती कमजोर शासक था – उसे नर्म दिल कहकर बेइज़्ज़त किया गया है । फ़रगना उससे संभलता नहीं था, समरकन्द जीतना उसकी हैसियत से बाहर था…
तूफ़ान – सामाजिक समरसता के नाम पर फिर वही घिसापिटा लव जिहाद फॉर्मूला
तूफान के पटकथा लेखक अंजुम राजबली के पास बहुत अनुभव है – पुकार, अपहरण, राजनीति, ग़ुलाम, कच्चे धागे, लेजेंड ऑफ भगत सिंह और अन्य बड़ी फिल्मों में काम किया है । इस अनुभव का इस्तेमाल उन्होने तूफान की पटकथा को बड़ी चालाकी से लिखने में किया है । बिना किसी कारण या आवश्यकता के कहानी…
अकबर के संतों से मिलने के नहीं हैं प्रमाण
किस्से-कहानियों का अकबर सर्वव्यापी है । बहुतेरे साधु-संतों के संग अकबर की मुलाकातों की किंवदंतियाँ प्रचलित हैं । बीरबल के किस्सों के हिसाब से अकबर सवालों, पहेलियों और गप्पों का भी बादशाह था । सत्यान्वेषी अकबर दीवान-ए-खास में बैठकर विभिन्न धर्माचार्यों के साथ धर्मचर्चाएँ किया करता था । बर्बर बाबर और कठमुल्ले औरंगजेब जैसे धार्मांध…
डंडे को प्रणाम है, डंडा ही समाधान है (कविता)
(डंडे से अभिप्राय दंड/punishment/कानूनी दंड से भी है और हाथ में पकड़े जाने वाले डंडे से भी) जो बैठ कर के सड़कों पर जो चीख-चीख गलियों में स्वतंत्रता का दंभ भर अभिव्यक्ति के नाम पर चरा रहे हैं बुज्जियाँ उड़ा रहे हैं धज्जियां कानून की, समाज की प्रधान की, विधान की शासन के सम्मान की…