आनंद भवन संग्रहालय में सोया पड़ा था एक सेंगोल । काल उसे चुका था पूरी तरह भुला । नेहरू ने माउण्टबेटन से उसे स्वीकार तो कर लिया था, परंतु उसके बाद पोंगल प्रदेश से आया यह सेंगोल गुमनामी के अंधेरे में खो गया । संग्रहालय में इसे पंडित जी की छड़ी या बेंत बताकर दिखाया…
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Maharana Pratap – The Leader of the Mewar Resistance
Pratap- The word is used to denote something that glows, and signifies glory and majesty. The name, though, must stand for absolute stubbornness in the noble pursuit of retaining independence. Why, one might ask, should such stock have been placed on retention of freedom? Why should you have strived to remain free, in process inviting…
परिचर्चा इतनी उत्कृष्ट है तो पुस्तक कितनी आनंददायक होगी – चलो बनारस !
लल्लनटॉप द्विवेदी और व्योमेश शुक्ल के मध्य हुए अस्सी मिनट के एक वार्तालाप को श्रवण कर मेरे अन्तर्मन का बनारसी अस्सी घाट की ऐसी एक साँझ में जा टिका जब वहाँ से कुछ ही आगे ध्रुपद मेले का आयोजन हो रहा है , और ऐसा प्रतीत होता है मानो रुद्र वीणा से निकलती तरंगें गंगा…
आनंद मोहन सिंह के मानवाधिकारों की खातिर…..
आनंद मोहन की ससुराल से रिहाई को व्यक्तिगत पराजय के रूप में लेने की आवश्यकता नहीं है । उसका छूटना और उसके छूटने पर राजनैतिक सर्वसम्मति बनना हमें सामाजिक संरचना और लोकतन्त्र के स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बता रहे हैं, जिस पर चिंतन-मनन होना चाहिए । यह नहीं कि रिहाई से तुनककर तंत्र…
हम सब मजदूर हैं, फिर यह स्वीकारने में झिझकते क्यूँ हैं?
हर वह मनुष्य एक श्रमिक है जो निर्वहन के कुचक्र में फसा होने के चलते अपने समय और अपनी क्रियाशीलता का स्वामी नहीं है । जिसकी घड़ी उसकी मनोदशा के हिसाब से नहीं चलती, जिसे शिथिलता त्याग कर इच्छा के विपरीत और समय के अनुसार जुगत लगानी पड़ जाती हो, वही एक कामगार है ।…
गुड्डू मुस्लिम और सत्तू गोलगप्पा के चलते बकलोली का बाज़ार गरम
“मेन बात यह है कि गुड्डू मुस्लिम ……”, फिर धाँय-धाँय-धाँय…..और सारे सपने सच। कुख्यात अपराधी अशरफ के मुंह से अब अमर हो चुका यह अर्धवाक्य तब झर ही रहा था कि जब शूटरों ने उसकी और उसके भाई अतीक अहमद की गिद्धलीला पर विराम लगा दिया । अतीक और अशरफ अल्लाह मियां को प्यारे हो…
What makes the Pathan sneeze?
Deepika Padukone plays Shanya D’Costa, a Christian girl, in Pathan. That is to perhaps to justify her roaming around in bikinis, desperately thrusting and gyrating her body in crassest possible manner, faking coital convulsions, being grabbed and thrown around by the Pathan as if she is ‘unaccompanied baggage’ or ‘street trash’. This is typical Bollywood…
अमरीका जाकर मेरा देसी दोस्त हुआ गन-क्रेजी (फकैती)
ओवैसी भारत में था तो कुत्ते, गुड़ियाँ और बर्तन इकट्ठे किया करता था. अब अमरीका पहुँचकर बंदूकें जमा करने में लगा है . सब मिट्टी और आबोहवा का असर है. वैसे ओवैसी हम उसे कहते भर हैं, काफ़िर होने के नाते जिहाद से उसका कोई सरोकार नहीं है . यानि कोई टेरर अटेक की प्लानिंग…
जाति का जंजाल – ज पर आ की मात्रा, त पर चढ़ी छोटी इ (चौपाल)
शाम के चाय अड्डे पर दोस्तों के संग जाति पर संवाद किया । फिर कहीं प्रीतिभोज पर जाना पड़ा तो वहाँ भी जाति का ही भोग लगाया । पिछड़े व्यंजन में लगा था मिर्च का छौंका । अगड़ा वाला घृत और शक्करमयी – उसे फिर भी थाली में आने का अनिवार्य आमंत्रण चाहिए । शयन…
उलझा पाकिस्तान – बाजवा रुके या जाए ? इमरान को भला कौन क्या समझाये?
इमरान खान को गोली लगी कि गोलियां, ठीक से कहा नहीं जा सकता । चली थीं चार, पहले बताया गया लगीं हैं दो – दोनों पाँव में एक-एक, फिर किसी ने बतलाया तीन, और अब सरकारी हवाले से एक ही गोली लगने की बात मानी जा रही है । अब हक़ीक़ी आज़ादी लॉन्ग मार्च के…
आधुनिक सामाजिक फंडे बनाम जिम्मेदार परवरिश- थोड़ा उलाहना, थोड़ी अपील
लड़की को सब कुछ चाहिए था लाइफ में, द होल पैकेज । तो उसे पेकेज ही बना छोड़ा उसके आशिक ने । माँ-बाप को धता बताकर वासना में अंधी लड़की लिव-इन में तो रह ही रही थी । उसका यार पार्टनर के तौर पर हिट साबित हुआ था, ज़ाहिर है हस्बेंड के रोल में भी…