बचपन में चींटियों पर बहुत निगाह जाती थी । खड़े हो जाने और लंबे हो निकलने के साथ चींटियाँ दृष्टि से ओझल होती गईं । एक दिन आवारागर्दी कर हॉस्टल लौटे तो बाड़ू बाड़मेरी के खाखरों में सहस्त्रों चींटियों को प्रीतिभोज करते पाया । बाडू ज़ोर से चीखा, “कीड़ियाँ!”, और अपना माथा पकड़ लिया ।…
Category: BHU
बंसल सर : गणित के जिस गुरु ने हमें सिखाया हास्य-विनोद
मास्टर गणित के थे , पढ़ाई लेकिन ज़िंदगी । गणित , और कोई भी अन्य विषय, कितना विनोदपूर्ण हो सकता है, यह विनोद जी ही नहीं समझाते तो समझाता कौन ? लेखक, पत्रकार या कोमेडियन होते तो भी बम्पर हिट रहते, पर फिर कोटा नगरी का कायाकल्प नहीं हो पाता । सत्रह से उन्नीस साल…
बीएचयू – मधुर मनोहर, अतीव सुंदर (कविता)
ज्ञानपथ, यह प्रेमपथ, कर्मपथ, कर्तव्यपथ, जो महामना के स्वेद से सिंचित हुआ वह धर्मरथ, गुरु त्याग के मानक जहां, शिष्य लें समर्पण की शपथ ।6। कृष्णचूड़ा की लहू-लालिमा में आल्हादित,उन्मादित विजयपथ, काशी की अनुपम धरोहर का यह स्वर्णिम चित्र है उद्धृत, महादेव की असीम अनुकंपा से उल्लासित सदैव यह पुण्यपथ।12। (चित्र व्हाटसप पर प्राप्त, विश्व-विद्यालय…