
मेरी कमीज़ की जेब में एक छिपकली रहती है,
टंगी हो, तब साकार रहती है,
पहनी होने पर उसका विचार रहता है.
छिपकली का विचार क्या होता है?
हिलना-डुलना मना है एकदम,
मौत से स्थिर, पूर्णतया ध्यानमग्न,
फेंक अभिलाषा की जिह्वा लंबी,
फसा ले कीड़ा-कुटकुट, अपना भोजन,
आड़ को ट्यूबलाइट चाहिए, या दीवाल घड़ी,
या जेब मिल जाये, कोई कमीज़ हो टंगी ।
मेरी कमीज़ की जेब में एक छिपकली रहती है ।
#हिन्दी #हिन्दीकविता #कविता #hindipoem #hindipoetry #poem #poetry #छिपकली #lizard