अमृतपाल फरार है पर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है

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चिंता का कौनो बात नहीं है । पंजाब में सिचुएसन इज़ अंडर कंट्रोल । हाँ, अमृतपाल पुलिस का चमन काटकर निकल भागा है और स्याला खोत्या रोज़ गच्चे पर गच्चे भी दिये जा रहा है । पर खबरों की मानें तो वह चौबीसों घंटे, यहाँ तक कि हगते-मूतते समय भी पुलिस के राडार पर रहता है । आखिर अस्सी हज़ार की पुलिस फोर्स झक थोड़ी मार रही है । इसी पंजाब पुलिस ने गिल साहब के नेतृत्व में आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंका था । इट्स ए प्रोफेशनल फोर्स, माइंड यू ।  बस अमृतपाल हर बार पकड़े जाने से ऐन पहले पुलिस को चकमा देकर नौ दो इग्यारह हो लेता है । अब पुलिस करे भी तो क्या करे बेचारी? जनता की एक्सपेक्टेशन्स का कोई अंत नहीं है ।  हजारों चेले-चपट्टुओं को अभी-अभी तो पकड़ा है । पर इस बजरबट्टू को कैसे अपने फटे जाल में फसाया जाये ? वैसे नहीं पकड़ने या पकड़ पाने के पीछे कोई मास्टरस्ट्रोक भी हो सकता है । षड्यंत्र सिद्धांतकार ऐसे शिगूफ़े भी छोड़ रहे हैं । कठघरे में सिर्फ पुलिस ही नहीं है, थोड़ी मिट्टी-पलीद तो एनआईए की भी हुई ही है । 

खैर जो भी हो, पुलिस फोर्स के हौंसले हद से ज्यादा बुलंद हैं (इतने कि उच्च न्यायालय तक को समझा दिया गया है कि हम भगोड़े को लपकने के बेहद करीब हैं) । अमृतपाल कहाँ, कैसे, कितने बजे, किसके साथ, कौनसे रंग और मॉडल की गाड़ी में, किस से मिलने जा रहा है, और उसे किस-किस का सपोर्ट है, सरकार को सब पता है ।  फिर जहां जाता है वहाँ से कब भाग निकलता है, आगे कहाँ और कितने घंटे में पहुंचता है, पहली गाड़ी कहाँ छोडता है, दूसरी कौन-सी और कहाँ पकड़ता है, उसकी वेषभूषा, हुलिया, साथीगणों का लेखा-जोखा, नित्यकर्म के डिटेल्स इत्यादि- पुलिस की पैनी निगाहों से कुछ भी छिपा नहीं है । कब फगवाड़ा से निकला, होशियारपुर कब क्रॉस किया, लखीमपुर खीरी कब पहुंचा, कहाँ रुका, दाढ़ी कब बढ़ाई, कब काटी, कितनी बार कपड़े बदले, कौनसे ढाबे पर लस्सी पी, किस डेरे में शरण ली – यह सारी जानकारी विभाग एकत्र कर रहा है । सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलान्स सब उगल दे रहे हैं, पर लौंडिया और शराब के बारे में पुलिस कोई खुलासे कर नहीं रही है । सिख है तो सुट्टा-गाँजा तो शायद न ही मारता हो ।  वैसे इतनी खूफिया जानकारी पंजाब पुलिस को अपने सीएम और डीजीपी की भी नहीं होगी, जितनी अमृतपाल की है । वह कब पग बांधता है, कब मूछें घुमाता है, कब झांटें शेव करता है, कहाँ कुल्ला करता है, कौनसी ब्रांड की चड्ढी पहनता है  – उसके हरेक शौक और गतिविधि की विस्तृत जानकारी महकमा इकट्ठी कर रहा है । ये सब इन्फो कुकुर-मीडिया को या तो लीक या फिर फीड भी की जा रही है । सब के सब साले मज़ा ले रहे हैं ।

वैसे कच्छे का ब्रांड बता पाना मुश्किल नहीं है । कनाडा, ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड के पापुलर वेराइटी में से एक धारण करता होगा । लिंक उसके आईएसआई से भी हैं, पर अस्सल हितैषी अवतार सिंह खंडा जैसे खालिस्तानी हैं जो इंग्लैंड में पाये जाते हैं । वैसे भी पाकिस्तान में बना कच्छा कौन पहनेगा? पाकिस्तान से सिर्फ बम, अन्य हथियार, ट्रेनिंग और फिदाइन ही आयात करना ठीक है । 

बाकी सब तो ठीक है पर बात इतनी सी है कि अमृतपाल हवालात में बंद नहीं है । अब तो तेरह-चौदह दिन भए, अब तक फरार चल रहा है । पुलिस छाया की तरह उसके पीछे है और उसकी हर गतिविधि पर नज़र रखे हुए है । उसे खुल्ले सांड की तरह दौड़ाकर खालिस्तानी इकोसिस्टम को ट्रेक किया जा रहा है । देखना जल्दी ही पूरा गेंग अंदर होगा । ऐसे टट्टे-टपट्टु सहज भाव से अपने नेताओं और आकाओं को जेम्स बॉन्ड, कृष्णावतार, वीर बहादुर और युगपुरुष भी बता दिया करते हैं ।

अमृतपाल को पकड़ न पाने की झेंप छिपाने के चक्कर में पुलिस अधिकारीगण प्रेस कोन्फ्रेंस में संख्याएं उछाले जा रहे हैं । बताया गया है कि पिछले दिनों में 352 डेरों में उसकी तलाश की गयी है, 52 ड्रोन्स का सहारा लिया गया, 8 ज़िलों में लगातार सर्च की जा रही है, 13 दिनों से खुद चमन बने और जनता को बनाए जा रहे हैं – कोई कसर बाकी रखी हो तो आप ही बता दो । पुलिस ने अमृतपाल के सैंकड़ों समर्थकों और ‘वारिस दा पंजाब’ के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया था, पर अब अधिकांश को रिहा कर दिया गया है । रस्म अदायगी पूरी चल रही है, पर पिंड दान पुलिस से बन नहीं पा रहा है ।

हाल में अमृतपाल ने सवा 6 मिनट का एक वीडियो जारी किया जिसमें  पुलिस का जमकर मखौल उड़ाया है । और इस हैरान विभाग के लिए वह कहता भी क्या ? लल्लू डिपार्टमेंट को कोई भी ठुल्लू ही दिखाएगा ! अगर गिल साहब का टेन्योर याद कर रहे हैं तो इसी पुलिस ने भिंडरेवाल के सामने कैसे अपनी भद्द पिटवाई थी, यह भी याद करने की आवश्यकता है । वैसे इस सेलफ़ी विडियो की गहन जांच के बाद पुलिस ने यह निष्कर्ष निकाला है कि संभव है अमृतपाल अकेला रह गया हो । कहानी पूरी फिल्मी है ।    

इस खेल में खिलाड़ी और भी हैं, और ज्ञानी हरप्रीत सिंह और रेजरीवाल से बड़े कोई नहीं, लेकिन फिलहाल अमृतपाल लाइफ के मज़े ले रहा है और पंजाब पुलिस उसे पूरे मज़े करवाने में व्यस्त है । महत्वपूर्ण स्थानों पर बैरीकेड लगे हुए हैं, रेंडम गाडियाँ सर्च की जा रही हैं, पिंडों में दबिश हो रही है, ट्यूबवेलों के पास बने क्वार्टर और जानवरों के बाड़े खंगाले जा रहे हैं – पुलिस की मेहनत पर शक नहीं किया जा सकता, और पुलिस की नियत पर कभी सवाल नहीं किया जाता ।  


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