
शास्त्री तो बहुत पहले ही रेस्ट prescribe कर दिया,
सनीभाई ने इस आरामखोरी को criticize भी कर दिया,
कपिल पाह्जी ने ‘drop him’ ऐसा advice कर दिया,
चोपड़ी-भोगली ने फिर भी कोहली को eulogize ही किया,
क्या रे विरटवा, professionalize करते-करते सब commercialize कर दिया?
रोहित ने भले खराब फॉर्म को trivialize कर दिया हो,
इससे बुरा क्या होगा कि अब बाबर आज़म ने भी sympathize कर दिया !
कोहली का बल्ला ऐसी कुंभकर्ण की नींद सोया है कि अब उठने का नाम ही नहीं ले रहा है । पर राक्षसराज की नींद तो छ महीने की होती थी, यहाँ तो तीन साल होने को आए । तब क्या मुचुकंद की तरह सहसत्रों बरस सोते रहने का श्राप मिला है ? पहले तो फिर भी कुछ रन बन रहे थे, भले शतक न लग रहे हों, पर अब तो यह आलम है कि कोहली के बल्ले से एक रन भी बन जाता है, तो दर्शक कह डालते हैं कि चलो आज कोहली रन ज़रूर बनाएँगे । दस का आंकड़ा पार करते-करते दीवाने शतक की बाट जोने लगते हैं । पर आउट हो जाने पर निराश भी नहीं होते क्यूंकी उम्मीद वैसे भी थी नहीं, हाँ ये ज़रूर कह देते हैं कि “Well played, शतक से बस 80-85 रन कम रह गए”, या फिर “Next match, bro” ।
ये आखिर हुआ क्या है कोहली भाई ? काला जादू गॉन रोंग ? किसी की गंदी नज़र या हाय लग गयी? Hand-eye coordination गड़बड़ा गया? या फिर सारा फोकस ही हवा हो गया है? दुनिया के तमाम गेंदबाजों के सामने ऐसे कैसे खुल गए महाराज? किसी की एकाग्रता ऐसे पूर्णतया भंग कैसे हो सकती है?
कभी तो सारा वजन पिछले कदम पर डाल कर लाइन और ऑफ स्टम्प के बाहर जाती गेंदों पर हड़बड़ी में बल्ला फेंकते से दिखते हो, तो कभी फ्रंटफुट पर पूरा कमिट हो जाते हो जिससे लचीलापन नहीं रहता और गेंद खेलनी ही पड़ जाती है । आजकल हत्था भी ऐसे कस कर पकड़ते हो मानो औज़ार नहीं, हथियार हो । तुमको बेटिंग करते देखकर ऐसा लगता है मानो खोया-पाया या गायब-आया खेल रहे हों ।
इसपर भी हर दूसरी सिरीज़ में रेस्ट लेने पर आमादा हो । ऐसा क्या करना है घर पर रहकर, ब्रो? ऐसे तो फॉर्म वापस नहीं आएगी । नेट्स करने से अब कुछ नहीं होगा । बहुत सारे घरेलू मेच खेलने होंगे , तब कुछ उम्मीद फिर भी बने । नहीं तो अब टाटा बाय-बाय होने से कोई चोपड़ी-भोगली रोक नहीं सकते । बाबर आजम का ट्वीट आपकी विदाई की तरफ ही स्पष्ट संकेत कर रहा है । दादा और द्रविड़ पर भरोसा न करना , इनहोने सचिन तक तो 194 पर नाबाद छोड़ दिया था ।
सावचेत होने का समय है – काउंटडाउन हेस बिगन !
#विराटकोहली #बीसीसीआई #शास्त्री #सनीभाई #बाबरआज़म #क्रिकेट #व्यंग्य
#viratkohli #bcci #icc #babarazam #ravishastri #sunny #cricket #satire #crickethumour