
क्या पिराबलम है जेंटल्मेन आपका ?
पूरा देश अपनी ज़बान केसरी करते हुए दो अंगुलियाँ आँखों में डालने का इशारा कर रहा है, और आपको अक्षय कुमार के दोगलेपन की पड़ी है । पर गौर से देखो प्यारे, तीनों सुपरस्टार्स की आँखे सुरक्शित हैं क्यूंकी उन्होने महंगे गूगल पहने हुए हैं । महंगे गूगल, बड़ी-बड़ी कारें, काले कपड़े, आजू-बाजू हॉट मॉडल्स, मोटे-मोटे चैक और जैकारा ज़बान केसरी का । वैसे सेट पर किसी को भी कैंसर नहीं होगा क्यूंकी इश्तेहार ही विमल इलायची का है । शाहरुख का रैपर फाड़कर मसाला मुंह में डालना एकदम अव्वल दर्जे की अदाकारी है । लेकिन इलायची खाने से किसी चिरकुट की ज़बान आजतक केसरी नहीं हुई , ये भी याद रखा जाए । एक और गौर करने वाली बात है कि तीनों खिलाड़ी बोलते हैं – बोलो ज़बान केसरी । ये खुद की केसरी करने और जमाने से बुलवाने में जो धागे भर का फरक हैं न भैया, यही जीवन का सार है । रही बात से पलटने की बात, तो इतने नाम और पहचान होती हैं इन लोगों की, कि एक और ‘दोगला कुमार’ भी चलेगा । बरखुरदार, बस चमड़ी मोटी होनी चाहिए । वह हो जाती है, अगर पैसा मोटा मिले ।
पर बात इलायची की उठे, और मैं बाबा इलायची के उस मशहूर गाने को भूल जाऊँ, हो नहीं सकता –
लंदन का टॉप दर्जी हो,
सनराइज़ जहां मेरी मर्ज़ी हो,
लेटेस्ट इटालियन कार घुमाएगी,
अपनी पार्टी अपने साथ ही जाएगी,
डिनर टोक्यो में खाओ,
पर बाबा इलायची को अपने साथ ले जाओ……
In life, you’ve got to have बाबा इलायची ऑन यू….
ये होती है शाही सोच । 2016 में कनाडा कुमार ने यह भांडगीरी निभाई थी । साल लगे छौ, पर घुस ही गया आखिर देवगन की पार्टी में । अब इलायची बाबा की हो, चाहे विमल की, पान मसाला तो नहीं होती ! क्या फिट इंडिया, फिट इंडिया करते हो जी ? आज तक तुम्हें यह तो पता नहीं लगा कि घी की चुपड़ी रोटी चेपने के फायदे हैं या नुकसान !
इस सब में मानना पड़ेगा लेकिन अजय देवगन का लोहा । चाहे जितनी ट्रोलिंग हुई एसपी अमित कुमार की, टस से मस नहीं हुआ अगला – जनता की ज़बान को केसरी करता गया, उनसे बुलवाता गया । क्या ब्रेण्ड बनाया है बॉस ! इस युग का सबसे बड़ा । आज अज्जु ड्राइव कर रहा है, SRK बगल में कृतार्थ होकर बैठा है । दोनों प्यार-मोहब्बत की बातें कर रहे हैं । हौले-हौले से एसयूवी से दिलों की बयार बह रही है । दोनों काले कपड़ों में एकदम गेंगस्टर लग रहे हैं । गेंग वार की नौबत है , मार्केट में कोई नया खिलाड़ी आया है । नया खिलाड़ी लेकिन सबसे मंझा हुआ, सबसे बड़ा वाला शतुरमुर्ग है । वह जो सबसे बड़े खिलाड़ियों से भी उनके आम के शौक के बारे में पूछ लिया करता है । वह जो दिन-रात प्रोटीन शेक को गरियाता रहा, फिर एक दिन होर्लिक्स का हो लिया । क्यूंकी शायद हॉर्स की लिक करने से घोड़े जैसा बल प्राप्त होता है । वैसे मैं ज्यादा सोचता नहीं लेकिन जो बंदा टैक्स बचाने के लिए देश बदल सकता है, वह नोट कमाने के लिए क्या कैंसर खरीदने को तैयार नहीं हो जाएगा? ज़मीर और इज्ज़त की तो मैंने बात ही नहीं की । क्या है घाटे लगने पर आदमी कुछ भी करेगा ।
फिल्में चल नहीं रहीं हैं । उर्दूवुड की हालत खस्ता है । साथ में इनके अजेंडे भी उजागर हो चुके हैं । विश्वसनीयता बची नहीं है । अक्षय की बेलबोटम और बच्चन पांडे दोनों पिटीं । शाहरुख की ज़ीरो के बाद से कोई फिल्म ही नहीं आई । ड्रग्स केस बहुत खर्चा भी करवा गया । देवगन की भुज और रनवे 34 भी एकदम नहीं चलीं, पर उसे कोई फरक नहीं पड़ता, क्यूंकी उसके पास विमल है । ज़बान केसरी शृंखला में वह इतना जमता है मानो यही एड करने के लिए जन्मा हो । अब उसपर ट्रोलिंग-वोलिंग का भी कोई असर नहीं होता । विमल उसका कायम चूर्ण बनकर सामने आया । अक्षय और शाहरुख को पैसे के अलावा इस सेक्योरिटी और ट्रोल-प्रतिरोधक क्षमता ने भी आकर्षित किया होगा । कंपनी वालों को भी मानना पड़ेगा – इतनी दौलत फेंक दी कि गेलेक्सी के तीन सबसे बड़े सितारे जमा करके कुकुरमुत्तों की तरह सजा दिये । थोड़ा और बहा देंगे, तो उर्दूवुड अवेंजर्स बना लेंगे ।
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