
“…..सलमान को काटा !”
हेडलाइन लंबी रही होगी, जल्दी में भाग रहे न्यूज़ टिकर पर मैं इतना ही पढ़ पाया ।
लव जिहाद का एंगल तो नहीं लगा, ईशनिन्दा अथवा बेअदबी करने वालों में से भी सल्लू लगता नहीं ।
और कुत्ते ने तो क्या ही काटा होगा ! कुत्ते अमीरज़ादों और छुट्टे सांडों को नहीं काटते । सलमान सांड है या बैल, और दोनों में अंतर क्या होता है, मैं इसपर सोचने लगा । खाली समय हो और पेट भरा हो तो आप भी सोचने लगेंगे । आमूमन इस तरह के सवालों के जवाब नहीं मिलते, बस कयास लगते-लगते किंवदंती बन जाया करती हैं ।
खैर तब तक न्यूज़ टिकर धरती की परिक्रमा करके लौट आया – स्क्रीन पर लिखा था “साँप ने सलमान को काटा”, जैसे “राम ने रावण को मारा” । बचपन में पढे ‘कारक’ स्मरण हो चले । राम ने, रावण को, बाण से, सीता के लिए, युद्धभूमि पर मारा, हे राम! हे रावण! ……इत्यादि । वैसे परीक्षित के बाद साँप ने शायद ही किसी संभ्रांत भारतीय को काटा हो । यह एक बड़ी खबर थी, क्या हम किसी बड़े परिवर्तन की आहट सुन रहे थे । इसपर जनता के पत्रकारों – रवीश कुमार, अजित अंजुम, साक्षी जोशी जैसों को शोध करना चाहिए, पड़ताल करनी चाहिए । साँपों की ही नब्ज़ टटोलनी होगी, क्यूंकी जनता से पूछकर तो अब कोई प्रयोजन सिद्ध न होगा क्यूंकी यू पी में योगी का लौटना, और चन्नी का पंजाब में न लौटना तय से हैं ।
मैं सलमान की नब्ज़ को लेकर उत्सुक तो था, परंतु चिंतित नहीं । वह आधुनिक भारत का एक पुण्यात्मा है । फुटपाथ पर सो रहे गरीबों को सोते-सोते ही मोक्ष प्रदान करना, काले हिरणों के प्राण हरकर उन्हें अगली योनि में भेजना, फूल-सी माशूका पर मुक्के बरसाना, उसके आशिकों के करियर तबाह कर देना, पेंटिंग बेच-बेच कर समाज पर चेरिटी लादना और दुनिया पर अपनी औलादों का भार न लादना – और कितने एहसान करे, क्या कोई एहसान न करे ? क्या फिर गांधी ही बन जाए ? मुझे साँप की भी कोई खास चिंता नहीं हुई । बहुत से जानवरपंथियों ने सोशल मीडिया पर उसकी कुशलक्षेम जाननी चाही, ऐसा मुझे बाद में ज्ञात हुआ । ऐसे लोग बकरे के सिर पर पड़े फरसे और सड़क पर फिसलाकर गिरा देने वाले केले के हालचाल लेने को भी उत्सुक रहते हैं । कोरोना वाइरस और आतंकवादियों के हितैषी तो हमें आजू-बाजू भतेरे दिख जाएंगे ।
अधिकांश साँपों की सदाचारिता, विषहीनता और अंदरूनी कमजोरी का अंदाज़ा मुझे पहले से है । एक बार एक सर्प मेरी जंघा पर भी चढ़ बैठा था, पर उस आलसी रेंगबाज़ ने मुझे काटने की जहमत नहीं दिखाई थी । तब से ही इन विषधरों की फितरत का अंदाज़ा मुझे हो गया है ! वैसे भी जिन्सिंग-युक्त REVITAL का नियमित सेवन करने वाले किसी वृषभ (चाहे सांड हो या बैल) का सर्पगरल क्या ही बिगड़ देगा ? और फिर चूंकि खून चूसने वाले बीबी-बच्चों को सल्लू ने कभी पाला ही नहीं, तो भाई का रक्त भी तो गाढ़ा होगा । मुझे लगता है भीमसेन भी जिन्सिंग-युक्त REVITAL का दैनिक सेवन करता रहा होगा । तभी तो कौरवों द्वारा खिलाई गयी विषैली खीर भी वह पचा गया था । तब क्या सलमान उर्दूवूड का भीमसेन है । उसके प्रशंसकों को लग सकता है कि वह महाबली कर्ण है, क्यूंकी उसके जीवन में ट्रेजडी का अंडरकरन्ट तो है ही – ऐश्वर्या, केटरीना आदि को जेहन में रखें तो ऐसा माना जा सकता है ।
वैसे सलमान को ही क्यूँ, इस पर आम राय नहीं है । सनसनी वालों का कहना है कि साँप ने सलमान को ब्लेक बॅक का बदला लेने के लिए काटा । नार्को वाले कहते हैं शाहरुख को तो पिछले महीने ही काटा था ! सूत्रों का कहना है कि आमिर को भी ढूंढा था पर वह मिला नहीं । चंदू ओबेरॉय को पहले ही काट लिया था । अभिषेक को काटने-कटवाने की आवश्यकता नहीं है । विक्की कौशल को भी अब नहीं रहेगी । अरबाज़-सोहेल को काटता तो खबर नहीं बनती । आयुष शर्मा को काट लिया टाइप खबर साँप बनाना नहीं चाहता था । तो सल्लू ही सही !
बहरहाल न्यूज़ टिकर से यह गुत्थी नहीं सुलझी कि साँप ने सलमान को कहाँ पर, और क्यूँ काटा है । तब टीवी एंकर ने रहस्योद्घाटन किया कि साँप ने सलमान को उसके फार्महाउस पर काटा है । एंकर की आँखों में भयानक उत्तेजना भाँप मुझे यह कथन द्विअर्थी-सा प्रतीत हुआ । लगने लगा कि संभव है कि साँप ने सलमान के अधोजटा क्षेत्र को निशाना बनाया हो । पर भुजंग ऐसा करेगा क्यूँ, जब तक कि वह वहाँ रहता ही न हो और सलमान की ताकाझांकी, टोकाटाकी, उंगलीबाजी, खुजला-खुजली से खिन्न हो गया हो । और अगर वह तक्षक वहाँ रहता ही है, जहां मैं इशारा कर रहा हूँ और अब आप भी सोच रहे हो, तो फिर वह कौन हुआ, और क्या हुआ? कहीं वह ‘सोती हुई रस्सी, और जागने पर रस्सा’ ही तो नहीं ?
धीरे-धीरे यह खुलासा हुआ कि सर्प विषधर तो नहीं था, पर चूंकि उसने काट लिया था तो सलमान को अस्पताल जाकर सारे सिरम लगावाने पड़े । फिर सलमान को टीवी पर देखा जहां वह बहकी-बहकी बातें कर रहा था । उसका कहना था कि कमरे में नाग के निकलने से बच्चे डर गए थे , और पहले उसने छोटी लकड़ी से और बाद में बड़ी लकड़ी से नाग को ‘बड़े प्यार’ से उठाया । बाद में साँप लकड़ी पर रेंगकर ‘बड़े प्यार’ से उसके हाथ पर ही आ गया, और तब सल्लू मियां ने ‘बड़े प्यार’ से उसका मुंह कस कर पकड़ लिया- ठीक वैसे ही जैसे फियर फेक्टर में दिखाते हैं । सलमान को ऐसा करते हुए उसके नौकरों ने रंगे हाथों पकड़ लिया , पर बॉस शर्मसार न हों इसलिए ‘कंधारी, कंधारी’ चिल्लाने लगे । तब तथाकथित कंधारी ने थूक भी दिया , मतलब कि सलमान के शब्दों में ‘बड़े प्यार’ से उसे काट लिया । सलमान उसे पकड़े रहा, नौकर-चाकर चिल्लाते रहे और साँप काटता रहा- सारा घटनाक्रम ‘बड़े प्यार’ से घटित हुआ । दर्शकों के अतिक्रमण के बावजूद बीच खेल में सल्लू ने मैदान नहीं छोड़ा । पर जब आउट हो गया तो पश्चाताप हुआ कि कंधारी हो या मुल्तानी, मामले पर पर्दा तो डालना ही पड़ेगा । तब फिर यह प्रपंच रच दिया गया ।
कहानी अच्छी थी, पर सलमान के बयानों में ‘बड़े प्यार’ की बहुतायत से उसकी परतें खुल जाती हैं । सलमान को खुद के ही साँप को पकड़े देख नौकरों को चिल्लाना नहीं चाहिए था । न जाने सलमान ने एक हाथ में लकड़ी क्यूँ पकड़ी थी । यह तरीखा तो पहली बार सुना है । अब इस बारे में ज्यादा तफ़तीश की गुंजाइश नहीं है – ‘अपना साँप जगन्नाथ’ कहने से मैं बचूँगा, पर इतना तो अवश्य कहूँगा कि ‘जिसकी लाठी, जिसका फार्महाउस, उसी का साँप, उसी का फ़न’ । भूल-चूक, लेनीदेनी, भूल जाओ, माफ करो – वी आल आर ग्रोन अप्स, अलाओ द छप्पन बरस का अधेड़ बेचलर सम प्राइवेसी प्लीज़ !
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वाह गजब लिखा है आपने बहुत ख़ूबसूरत। पढ़पढ़कर मज़ा आ गया।
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आपने तो इतना हँसाया कि पूछंओ ही मत…. कमाल के तीखे वाले कटाक्ष लिख छोड़े आपने! परिवादी तो पढ़कर पानी-पानी हो जाएगा 😂👌👌👌
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‘पूछो ही मत ‘ में टाइपिंग मिस्टेक हो गई है! कृपया
सही ही पढ़ें ☺️
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Bilkul sahi Kaha
Aapne
Yahi to reality h
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