जिस वर्ष अवगुंठन अनिवार्य हुआ,
जिस वर्ष छुआछूत पुनः स्वीकार्य हुआ,
जिस वर्ष काढ़ा-योग शिरोधार्य हुआ,
जिस वर्ष सूक्ष्म शत्रु दुर्निवार्य हुआ,
जिस वर्ष अभिमानी प्रवासी उपकार्य हुआ,
जिस वर्ष हर नीम-हकीम औषधाचार्य हुआ,
जिस वर्ष हर मानव उपचार्य हुआ,
जिस वर्ष जीवित रहना भी सफल कार्य हुआ ; (8)
इस क्रुद्ध वर्ष को भी था बीत जाना , अपरिहार्य हुआ ; (9)
अब नव वर्ष में करें उन्मुक्त आलिंगन,
दिल खोल कर करें स्वछंद विचरण,
यह नव वर्ष हो घुमक्कड़ी के नाम,
इस नव वर्ष में आवारगी हो सुबह-शाम,
गाड़ तम्बू करें खुले में नैसर्गिक सहवास,
नव वर्ष में खुलकर लें जीवनदायिनी श्वास,
ध्यान रखें स्वास्थ्य का, करते रहें योग ,
साथ में चलता रहे मनोरंजन और उपभोग । (17)
#2020 #2021 #वेक्सीन #घुमक्कड़ #आवारगी #मास्क
👌
LikeLike