दरिया के रास्ते आए,
सुरक्षा तंत्र को सोता पाये,
जिहादी सुवरों ने
सड़कों पर, रेलवे स्टेशनों पर,
हस्पताल में, होटलों में,
आम जनता को दौड़ा-दौड़ा कर,
चुन-चुन कर मारा,
भारत ने इस नीचता को भी पचा मारा ! (8)
पाकिस्तान मार गया तमाचा, बेवजह, सरेआम,
हिंसा, दहशथ। जिहाद, फैलाना उसका काम,
आदतन आततायी, हिंसक पंथ का अनुयायी,
ताड़ना का अधिकारी, वोट पड़ गए हमारे आत्मसम्मान पर भारी ।12।
बन हिमालय सह गए हम पैशाचिक आघात,
चर्चाओं के चक्रव्युह में फस गया प्रतिघात,
अपने दुश्मनों की बनाई हमने लंबी फेहरिस्त,
नपुंसकता के एवज़ में मिलती रहीं हैं हमको किस्त।16।
न कोई साजिशकर्ता हमें शत्रु ने सौंपा,
न हमने किसी को ढूंढा, पकड़ा या कभी ठोका,
पकड़ाते रहे चोरकट को ही डोसियर बारम्बार,
फुर्र हुआ पौरुष, क्यूँ हो गए इतने लाचार।20।
पिट-पिटाकर उठे और फिर लगे चलने,
मुंबई स्पिरिट की शान में लगे कसीधे कढ़ने,
क्या जमकर हुई भारत की जगहँसाई,
अपनी सहनशीलता पर हमने खूब तालियाँ बजवाई ।24।
सरकार के सिर पर मंडरा रहे थे चुनाव,
वोट बैंक को नाराज़ नहीं करने का था दबाव,
क्या हुआ जो साठ घंटे शर्मसार हुआ भारत,
कोई बात नहीं जो एक सौ छियासठ हुए हताहत,
देश की इज्ज़त भले भाड़ में जाये,
फसल अच्छी कटी जब चुनावी नतीजे आए।26।
बहुत मुबारक हो आपको भी,
सड़कों पर गोलियां बरसने की बरसी,
वह धमाके अगर अब भी जगाते हों,
तो मन जाये दिवाली,
बहता खून अगर सताता हो,
तो खेल लेना होली । 32।
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