भीड़ तो थी जुटी
पर भोट नहीं दिया,
कहीं ऐसा तो नहीं
कोई झोल कर दिया?
इतना भर दी हवा (पॉलिटिकल फूटबाल में )
सेल्फ-गोल हुई गवा,
नहीं ई.भी.एम का चक्कर,
एक्ज़िट पोले खुल गवा ! (8) (पोल का पोल खुल गवा )
अब कौन समझाई बुतरु को,
कौन बतलाई सच,
बिना नतीजे टीभी चैनल
किये थे राजतिलक!
नहीं न हुआ है पहली बार,
फटेंगे सर्वे बारम्बार,
चोईस पूछे बीस हज़ार,
चेनल दे दिस जनमत करार । 16।
कुर्सी से चिपक कर बैठा है,
न खाता है, न सोता है,
जुवा को नैतिक विजय से
नहीं दिलासा होता है ;
मुद्दे भी थे, था माहौल,
जोश से खेला था फुट्बौल,
गलती हो गयी केभल एक,
हाय धोखा दे गया बिबेक?
पंजे के भरोसे कूद गया,
लालटेन पुनपुन में डूब गया । 26। (पुनपुन पटना की एक नदी )
अब पछताए क्या होत भला,
अब तो चाचा चुग गए खेत!
चौबीस तक की हो गयी छुट्टी,
करते रहो जमा अब रेत । 30।
#एक्सिटपोल #बिहार #टीवीचेनल #राजतिलक #लोकतन्त्र #जनादेश #मतगणना #कौंटिंग #चाचा
Sir,
ये तो जले पर मिर्ची छिड़कना हुआ.. 😝😝
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pollsters are to ruthlessly mocked
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