कोई तो नाव होगी, पकड़ती स्वप्न की धार को,
किसी में तो माझी होगा, खेता फूँक कर पतवार को।2।
चाहे पड़े भंवर राह में या हो सामना तूफान से,
पलक झपक,करवट बदल, हम तर जाएंगे शान से।4।
डगर भले हो दुर्गम लेकिन दृश्य बड़े मनोहारी होंगे,
पता नहीं,नहीं परिचय तेरा, दर्शन दे आभारी होंगे।6।
कोई तो जलमार्ग होगा, पहुंचा देगा तेरे द्वार तक,
वो कुंजी भी भिजवा देगा जो ले जाएगा उस पार तक।8।
निद्रा के प्रवाह में बहकर, प्रणय निवेदन करने आए,
नाम नहीं, तस्वीर नहीं, आभास तेरा क्या न करवाए? ।10।
प्रविष्ट हो तेरे दुर्ग में तुझे किस नाम से पुकारेंगे,
मुक्ति हो या स्वर्णिमा , हे प्रेयसी हम स्वीकारेंगे।12।
कोई तो नाव होगी जिस पर बैठ कर तू भी आ पाये ,
प्रतीक्षारत उस स्वप्न का जो तेरी छटा बिखरा जाये।14।
#कोईतोनावहोगी
#जलमार्ग
#हिंदिकविता
Simply beautiful with so lucid flow …. poem having immense in depth……
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