पाकिस्तान को कमतर आंखने की भूल कतई न करें । खिसियाई माशूका , गुस्साई बीवी और पकड़ाई गयी बेवफा की नाई पाकिस्तान बहुत बड़े बखेड़े खड़े कर सकता है ।
आने वाली चौदह तारीख को पाकिस्तान भारत से अपनी आज़ादी की घोषणा कर सकता है । पंद्रह अगस्त को यह बेशर्म मुल्क काला दिन मना ही रहा है । काबाइली लड़ाके भेजकर गिलगिट और बाल्टिस्तान पर कब्जा कर सकता है । अपने आका चीन को अकसाई चीन भेंट कर सकता है । भारत पर आक्रमण कर सकता है । खुद के दो फाड़ कर सकता है । सियाचिन के मुद्दे पर हँगामा कर सकता है । कारगिल में घुसपैठिए भेज सकता है । कश्मीर में उग्रवाद को बढ़ावा दे सकता है । पंजाब में खलिस्तान का मामला गड़बड़ा सकता है । इंडियन ऐयरलाइन्स की फ्लाइट आईसी-814 को हाइजेक करवा सकता है । पम्पोर, पठानकोट, उरी और पुलवामा में जिहादी हमले करवा सकता है । अपने हजारों जिहादियों, हमारे जवानों और कश्मीर के युवाओं को मौत की राह पर भेज सकता है । खुद बर्बाद हो सकता है ,हमें भी पकड़कर बरबादी की ओर धकेल सकता है । जो सब घट चुका है वह सब फिर करने का दावा करके अपने जख्मों पर मलहम मल सकता है ।
पाक के पिट्ठू पत्रकार और नेता ‘स्पेशल स्टेटस’ हटने के बाद कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने की चेतावनियाँ दे रहे हैं । अभी कौन सा कश्मीर फिरदौस बना हुआ है ? पैंतीस साल से डिस्टर्ब्ड ज़ोन है , कुछ बरस और रहेगा । एक-दो-दस बुरहान वानी और कुछ-एक जिलानी और बनेंगे और मिटा दिये जाएंगे । जिहाद छिड़ा हुआ है , उसे दबाने में समय लगेगा । वैसे भी दुनिया में कौन-सा इस्लाम बाहुल क्षेत्र है जो पूरी तरह से शांत है ? पाकिस्तान कश्मीर में हिमाकत करता रहा है, थोड़ी और करेगा । ‘कश्मीर बनेगा पाकिस्तान’ एक सत्तर साल पुराना सपना था जो मोदी ने बेरहमी से तोड़ा है । असह्य दर्द हो रहा होगा । बिलबिलाए इमरान ने खुल कर पुलवामा की पुनरावृत्ति की धमकी दी है । वह सीधे-सीधे जिहाद का झण्डा बुलंद कर रहा है । बार्डर पर भारी गोलाबारी हो रही है जिसकी आड़ में घुसपैठयों को भेजकर हमारी सेनाओं से ठुकवा देने के इरादे होंगे । यह सब तो होता ही आया है और होता ही रहेगा । न कल तक उग्रवादियों के जनाज़े में शामिल होकर नारेबाजी करने वाले कश्मीरी रातों-रात देशभक्त बन जाएँगे , और न ही हम सारे जिहादी हमले निष्क्रिय कर पाएंगे ।
चर्चा यह भी है कि पाकिस्तानी संसद शिमला समझौते को नकार देगी जिससे कश्मीर मुद्दे का अंतराष्ट्रीकरण हो जाएगा । क्या पाकिस्तान ऐसे भी संयुक्त राष्ट्र , अमरीका, चीन, इस्लामिक समूह और बाकी सभी मंचों पर इस मुद्दे को लेकर छाती नहीं पीटता आया है ? कह सकते हैं कि पाकिस्तान न कश्मीर को जितना है उससे अधिक अशांत ही कर सकता है , और न ही इस मसले का अब इससे अधिक अंतराष्ट्रीकरण हो सकता है ।
लेकिन फिर भी ऐसा और बहुत कुछ है जो पाकिस्तान कर सकता है । वहाँ के नेता-मंत्री मोदी और अमितशाह को जी भर-भर कर गालियां दे सकते हैं । इस मुद्दे को आधार बनाकर पीपीपी और पीएमएल इमरान खान की लगातार खिल्ली उड़ा सकते हैं । सेना इसी मौके का फायदा उठाकर इमरान को पदच्युत कर सकती है । फिल्मों पर प्रतिबंध लगा कर पाकिस्तान बॉलीवुड को बर्बाद कर सकता है। लेकिन चूंकि प्रतिबंध बालाकोट के बाद से ही लगा है , तो दोबारा लगाने के लिए पहले उसे हटाना भी होगा । पाकिस्तान ने भारत से सीमा-पार का व्यापार बंद कर दिया है । हो सकता है कुछ आलू-प्याज़ और शक्कर व्यापारियों को नुकसान हो । लेकिन यह बढ़िया है कि हमारे व्यापार से किसी जिहादी की कमाई न होगी , जो वापस जिहाद फंड में ही लग जाती । इमरान लगभग टूटे हुए खेल के रिश्तों को पूरी तरह से तोड़ सकता है,किसी को फर्क नहीं पड़ता । समझौता एक्सप्रेस को अटारी तक लाकर उसके रेलचालक सुरक्षा का बहाना करके भाग खड़े हुए । हमे ग़ुलाम नबी आज़ाद या बरखा दत्त को रेल इंजन चलाकर भारत लाने के लिए भेज देना था । पता नहीं भारत इस जिहादी आवागमन सेवा को ढो ही क्यूँ रहा है ? शुक्र है आज बस सेवा बंद कर दी गयी है । लगता है पाकिस्तान फिर से अपनी एयर स्पेस को बंद कर देगा । इससे भारत को करीब 100 करोड़ रुपये प्रति माह का नुकसान ज़रूर होगा,जबकि पाकिस्तान को 150 करोड़ भारतीय रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा ।
पाकिस्तानी उच्चायोग जासूसी का अड्डा है । दूतावास बंद होने से भारत में पलने वाले पाकिस्तान के पिट्ठू पत्रकारों और नेताओं को मिलने वाली खैरात में कुछ कमी आएगी । बातचीत वैसे भी बंद है । जब तक पड़ोसी उग्रवाद निर्यात करना बंद नहीं करता , बड़े दूतावास चलने का कोई फायदा भी नहीं । बातचीत की गुहार पाकिस्तान ही लगाता है । लगता है इमरान ने गांधीवादी तरीखे से खुद के देश को यातना देकर भारत को सबक सिखाने का फैसला किया है ।बेचारों के लिए बड़ी पेशोपेश की स्थिति है ।
हर ओर से लतियाया और दुरदुराया जा रहा पड़ोसी कुछ नया और खास नहीं कर सकता । उसकी हालत धोबी के कुत्ते जैसी है । मान कर चलिये कि एक-आध छूट-पुट आतंकी घटना के अलावा दुश्मन कुछ खास नहीं कर पाएगा । कश्मीर अब हमेशा के लिए हमारा हो गया है , उसपर से ‘विवादित’ का टैग अब हट गया है । पाकिस्तान जो कर सकता है और उसे करना भी चाहिए वह यह कि ग़ुलाम कश्मीर और बलूचिस्तान के दिल जीतने की कोशिश करे, कश्मीर में दशहथगर्दी फैलाने से बाज़ आए और अमन-चैन से रहे और रहने दे ।