MEA के जाइंट सेक्रेटरी दीपक मित्तल ने पाकिस्तान के प्रतिनिधि से the hague में ICJ में हाथ मिलने से माना कर दिया ,और बदले में हाथ जोड़ लिए । पुलवामा के बाद इस सांकेतिक बहिष्कार ने भी एक भारतीय की वेदना को व्यक्त किया ….
हस्तमिलन की हसरत रखकर
उसने हाथ बढ़ाया,
सारी शिक्षा,शिष्टाचार भूलकर
मैंने परे हटाया । 1।
करबद्ध होकर मैं खड़ा हो गया
बस इतना समझ में आया ,
मिलनसार पड़ोसी के हाथों को,
लहू में सना हुआ पाया ।2।
राजनयिक के तौर पर मेरा
अभिवादन पसंद न आया,
चिकने घड़ों को मेरी आज़ादी का,
कोई ख्याल न आया ।3।
टेफ्लोन का नहीं बना हूँ ,
हाड़ मास की काया ,
राजनयिक हूँ चाहे,मैंने भी
कश्मीर में है रक्त बहाया ।4।
वीरगति जो पाये हैं,
सहोदरों को है गंवाया, (सहोदर-सगे भाई )
नापाक पड़ोसी के हमले ने है,
मेरी माँ को भी रुलाया ।5।
बारह दिन अभी हुए नहीं,
जब चिताओं को था जलाया,
तुझसे निबटना है जंग में ,
अब है भारत के मन में आया ।6।
समझ मेरी वेदना को ,
मेरा कलेजा मुह तक आया ,
किस्मत तेरी अच्छी थी ,
गिरहबान पकड़ न पाया ।7।