रामनवमी 2019 पर उमड़ा क्षोभ
————————————————-
श्रीराम को अभी और इंतज़ार करना होगा,
कितने दशक लग जाएँ कह नहीं सकते ,
न्यायपालिका का एक ढर्रा है,अन्य प्राथमिकताएँ हैं ,
न्यायिक प्रक्रिया की गति है इतिहास से भी मद्धम,
इंसाफ मिलने में कपड़े-जूते घिस जाया करते हैं ,
आम आदमी के घर-बार बिक जाते हैं ,
तो क्या हुआ अगर थे प्रतापी नरेश सहसत्रों बरस पहले ,
भारतीय उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के तौर पर पूजते हैं ,
श्रीराम को विष्णुअवतार नृप होने के चलते नहीं ,
श्रेष्ठ मनुज होने के नाते माना-जाना गया है,
भले मानस इस देश में न्याय पाते अवश्य हैं,
लेकिन मिलोर्ड इत्यादि ही सहूलियत के हिसाब से ।12।
गांधी का जंतर था- सबसे कमजोर को देखकर,
सोचो अगर भला हो उसका तो है नीति कारगर,
जन्मस्थान की बात उठना पुनः अवतार लेने जैसा है,
दिखाता है आस्था को भी होगा अवरुद्ध व्यवस्था से झूझना,
न्यायमूर्तियों की नज़र-ए-इनायत होगी तभी होगा फैसला,
राम के नाम पर क्या नेतागण ,धर्मगुरु सेकते रहेंगे रोटियाँ ,
जैसे आम आदमी को सत्ता की सीढ़ी बनाया जाता है ,
कलयुग में भगवान को जा अदालत में वादी बना बैठाया,
इमाम-ए-हिन्द अवतरित हुए शख्स –ए-आम के रूप में ,
भक्तों से सद्भावना जताने हेतु राम खड़े हैं न्यायालय के बाहर ।22।
बेचारा आम आदमी हर जगह बस एक प्रार्थी है ,
कितनी फेहरिस्त में नाम है पर अधिकार नहीं है उसका ,
कभी खड़ा है लगा के कहीं पर कतार,
अच्छे दिनों का – पाँच बरस से करते हुए इंतज़ार,
साहिर की उस सुबह का – जो कभी न आई बीत गए सत्तर साल,
सम्पूर्ण क्रांति का – जो होगी एक दिन,
जिसके किसी दिन होने का है हमको चालीस सालों से विश्वास,
हम होंगे कामयाब,हम होंगे कामयाब,
ताला खुले हुए भी तो तीस बरस भए,
कितने ही भक्त प्रतीक्षा में परलोक सिधार गए,
भव्य राम मंदिर हम कभी तो बना पाएँगे,
इतना स्वयं से वादा है कि मंदिर वहीं बनाएँगे ।34।
#इमामएहिन्द #इकबाल #शख्सएआम #जयश्रीराम #राम #मेरेराम
#जन्मभूमि #अयोध्या #अदालत #मंदिरवहींबनाएंगे