वो आ रही है (कविता)

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वो फ्लाइट में बैठ चुकी है लाल सलवार पहनकर,

लाल लिपस्टिक से सजाये हैं होंठ

लाल ही बिंदी लगाई है माथे पर,

जब भी देखो पहने रहती है चेहरे पर मुस्कान,

उसकी आँखों में हसरतें हमेशा ही पायी हैं,

मेरे बहुत पूछने पर किया था इन रंगों का खुलासा,

बहुत लजाते हुए आज यह शाम आई है . 1.

मन की आँखों से उसे जी भर देख लिया था ,

आलिंगनबद्ध हो चुंबन भी सींच लिया था ,

मेरी तमन्नाएं उफान पाने के बाद उतरने लगी थीं ,

अब जाकर उसने अपनी एक सेलफ़ी मुझे भेजी है,

अपने सुरूर को वह तब तक बरकरार रखेगी ,

जब तक कि मेरे शहर में आसमान से उतर न जाए ,

चाहती है उसे सामने देख पिघल जाऊँ,

बह निकलूँ पानी बनकर कल-कल,

उसे क्या मालूम मैं कब से बरफ नहीं रहा .2.

सिगड़ी तो मैंने शाम से ही सुलगा छोड़ी थी,

चाहत की कढ़ाई में धीमी आंच पर उबल रहा हूँ ,

वाष्प बनकर उड़ जाऊँ उसे गगन में ही छू लूँ,

ये खयाल तो हुआ पर सब्र का मज़ा भी कुछ है,

उसके इंतज़ार में सुलगती हसरतों में डूबे  हुए ,

कभी उसकी सेलफ़ी तो कभी मन में बसी तस्वीर को

निहारता हूँ चूमता हूँ फिर मुसकुरा देता हूँ ,

अगर और देर है थोड़ी फ्लाइट उतरने में,

घड़ी की सुई को थोड़ा आगे सरका देता हूँ .3.

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#हिन्दीकविता #कविता #वोआरहीहै  #रोमांस #प्रेम #प्रेमगीत

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