भक्त का रक्त था –बह निकला
आँसू तो न निकले –आह निकली
मंदिर नहीं बनेगा – अब इल्म हुआ
जनता ये बहुत –जालिम निकली
देशभक्ति का तोड़ – किसान हुआ
वो क्या करे उसकी – लागत न निकली
डेव्लपमेंट की काट – बेरोजगार नौजवान हुआ
उसे निराशा है –कोई वेकेंसी नहीं निकली
सवर्ण जतियों को संख्या का- गुमान हुआ
नोटा की धमकी -थोथी नहीं निकली
गाय गाय रटने का –भारी नुकसान हुआ
वो आवारा बन खेतों में- चर निकली
बंध गए हैं अश्वमेध के घोड़े –यज्ञ का अवसान हुआ
सत्ता मे कोई स्थिर नहीं –हर एक बस मेहमान हुआ
स्थिर जनता का मन भी नहीं –जो वादा करे भगवान हुआ
ये वादे पूरे होते नहीं –कोई खेती करके न धनवान हुआ