जब भी कोई मंदिर विध्वंस हुआ होगा

 

 

 

महज इतिहास का काला-सफ़ेद पन्ना नहीं फटा होगा,

शहर की मोरियों -नालियों में लाल लहू बहा होगा ,

फौज की टुकड़ियों को कसबे में लामबंद किया होगा,

चहचहाते सिपाहियों ने रिआया को लूटा-खसोटा भी होगा ,

विरोध नहीं पर भयाक्रांत भक्तों ने आग्रह तो किया होगा ,

अहंकारी शहँशाह ने अट्टहास भी ज़रूर  किया  होगा ,

हा शोक ! वह क्या मंज़र रहा होगा ,

जब भी कोई मंदिर विध्वंस हुआ होगा ।8।

 

 

सिर्फ किसी की आस्था का बुलबुला नहीं फटा होगा ,

भक्तों का जीवन मूल्यों में भरोसा डिगा गया होगा ,

कतारबद्ध खड़ा कर पुजारियों को खेत किया गया होगा ,

न जाने कितनी अबलाओं की आबरू से खेला गया होगा ,

आस-पास के भतेरे गावों को जलाया गया होगा ,

दबे कुचलों का धर्म परिवर्तन भी कराया गया होगा,

जब भी कोई  मंदिर विध्वंस हुआ होगा ।15।

 

केवल एक पुजारी का घमंड नहीं टूटा होगा,

बुतशिकनों नें महज मूर्तिभंजन नहीं किया होगा ,

धार्मिक आस्थाओं का जमकर मानमर्दन किया होगा ,

दहले हुए भक्तों ने क्रंदन भी किया होगा ,

जब देवस्थान के खज़ानों का दोहन हुआ होगा,

प्रतिशोध की प्रतिज्ञा का अंकन सीनों पर हुआ होगा ,

जब भी कोई  मंदिर विध्वंस हुआ होगा ।22।

 

किसी सेकुलरवादी के सपनों का महल नहीं टूटा होगा,

वोटपरस्ती की राजनीति का कोई अवसर नहीं छूटा होगा ,

सदियों से चला आ रहा एक ढर्रा  भंग हुआ होगा ,

इष्ट से प्रेम करने वालों का खुद से मोहभंग हुआ होगा ,

एक हारे हुए धर्म पर हर कदम तंज़  हुआ  होगा ,

टूटे पड़े भगवान पर हाय  कैसा व्यंग्य हुआ होगा,

जब भी कोई मंदिर विध्वंस हुआ होगा ।29।

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