रावण कौन ?

 

वह जलते रावण से अपने मोबाइल का साक्षात्कार करवा रहा था ,
रेलगाड़ी कब उस पर से गुज़र गयी ,उसे पता  ही  न चला ,
मृत बुराई को पुनः मारना इतना भी एकतरफा नहीं होता ,
जो कभी भी पलटवार कर बैठे उसका ही नाम  है रावण  ।4।
न कभी मुकाबले से बाहर ,न  मरकर भी मुर्दा,
महापंडित ,महाराक्षस,बिना याकृत ,बगैर गुर्दा ,
ज़िंदा हम सब मे हैं ,दशहरा हर साल मनाया जाता है ,
रोज़ जले तो कम है ,रावण सालवार जलाया जाता है ।8।
सहसत्रों रावण मोबाइल अवतार बनकर हमारी जेबों में बैठे हैं ,
हम इनपर दिन-ब-दिन अधिक आश्रित हुए जा रहे हैं ,
अब नज़ारे हम नहीं ,हमारे ये यंत्र ही  एकटक देखते हैं ,
कल नेत्रों से देखने का लालच किया  तो  प्राण गंवा बैठे । 12। (फोटो खेंचकर )
त्रुटि रेलवे की हो,या  स्थानीय प्रशासन की चूक रही हो ,
लौहपथगामिनी तो अपनी दिशा बदल नहीं थी सकती ,
अब ये भी क्या बात हुई कि बस वही एक निर्दोष है ,
जो भीड़ में खड़ा होकर जलते रावण के विडियो बना रहा था ! (16)
त्योहार के नाम पार होश गंवा देना कितना जायज़ है ,
सरकारों पर हर बात का दोष मढ़ देने का क्या मतलब है ,
चलती ट्रेन और गिरता रावण जिंदगी खतम कर सकते हैं ,
यही समझ नहीं आता तो वैसे भी आप समाज पर बोझ ही हैं ! (20)

 

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