मैं बोलूँगा नहीं ,आप स्वतः ही समझ लेना ,
मेरे बोलने की अब एक सीमा है ,
एक लक्ष्मण रेखा खींच दी गयी है
आज-अभी से ही हम मंत्रियों के लिए ।
(ministers के लिए ,पहले नहीं थी )
न आप लोग कोई सबूत मांगना ,
न अपने सवाल ही पूछना ,
मारो ! बदला ! ऐसे रक्तपिपासू नारे ,
अपने चैनलों पर मत चलाना ।
सबूत मांगोगे किसका ,कोई घोषणा कहाँ की है ,
दिखाओगे क्या , जब फुटेज जारी नहीं हुआ ,
मीडिया और पब्लिक को बस इशारा करना था ,
पराक्रम सालवार मनाया जाने वाला पर्व-भर नहीं है ।
संवाद संसद से नहीं सीधे जनता से करना है ,
परिवाद पाकिस्तान से अधिक विपक्ष से है,
हमने अगर भूल से कह दिया कि कुछ किया किया ,
तो केजरी तुरंत पूछ पड़ेगा कि बताओ कहाँ है छूआ ।
हेलीकाप्टर दो साल पुराना नहीं ,
करने आया था कल-परसों का हिसाब ,
यह इमरान की यलगार नहीं थी ,
लेकर आया था जलन-खीज का तेजाब,
जनता -दुश्मन दोनों को यह बताना -चेताना आवश्यक है ,
किसी भी रास्ते से आ सकता है फिर कोई अजमल कसाब ।