एक हेलीकाप्टर चलता चला आया ,
एलओसी पार कर कश्मीर की सीमा में ॰
हम शूट तो करना चाहते थे ,
मगर पेनल्टी कुछ ठीक से लगी नहीं ।
कल ही एक बरस पूरा हुआ है पराक्रम दर्शाए,
कल ही तो भारत ने थे घी के दिये जलाए,
कल ही तो थे विदुषी जी ने यूएन में ,
नापाक नए पाकिस्तान के गुनाह गिनवाए ।
कैसे हो वार्ता ऐसे रिपु से जो चर्चा की चाह में ,
हमारे रण-बांकुरों के अंग-भंग करता है ,
हरकतों से आदमजात तो बिलकुल नहीं,
पैशाचिक प्रवृत्ति का लगता है ?
शत्रु का नया रहबर बहुत कमज़र्फ है ,
खुद को गजनी गौरी से कम नहीं आँकता,
ये जीने नहीं देगा बगैर खुद का सर मुंडवाए ,
इस मुसीबत को चाहिए कोई परमानेंट उपाय ।
यूएन में फजीहत से तिलमिलाया,
ट्रंप की बेरुखी का सताया,
चीन की ग़ुलामी की अकड़ में ,
इमरान का सँदेसा ये हेलीकाप्टर था लाया ।
ये बहुत बड़ी चूक हुई है हमसे ,
जो लौट जाने दिया सकुशल यह पक्षी,
पराक्रम के महापर्व पर सरहदपार से आया था तोहफा ,
हम शायद सालगिरह मनाने में कुछ ज्यादा ही मसरूफ़ थे ।
अब यह न स्वीकार किए गए सम्मन (summon) की तरह हुआ,
वापस आएगा क्यूंकी उसे लौट कर आना ही होता है ,
जिसने भेजा था उसके पिछवाड़े में टिड्ढी की तरह चुभेगा ,
आज ईक बच गया ,कल पूरा दल आक्रमण करेगा ।
गृह मंत्री जी ,यूं आधी-अधूरी अफवाह फैला देने से न होगा ,
पंद्रह- बीस जिहादी निपटा देने भर से न होगा ,
दाऊद अजहर हाफ़िज़ सईद को घुसकर मारना चाहिए ,
और कोई हेलीकाप्टर फिर भारत में घुस आए, तो उड़ा देना चाहिए ।
चाय नहीं ,चर्चा नहीं ,खेल नहीं व्यापार ,
वो फूँक भी दे हमारी तरफ ,हम करें मुष्ट प्रहार ,
तैयार रहें आरपार जंग को उतावले हम हिंदुस्तानी ,
सर्वनाश चाहने वाले बैरी से अब न हो कोई व्यवहार ।