कोई बाहरी आकर रोज़ मुझे पकड़ता है ,
फिर ज़मीन पर ज़ोर-ज़ोर से रगड़ता है,
सूखे कचरे को उसके ससुराल से उठा लाता हूँ ,
मोदी-सेवक मैं सफाई का जरिया बन जाता हूँ । 1।
मुझे मालिक ने कभी अपने हाथ से छुआ नहीं ,
कभी इश्क़ में फना होकर मैं गीला हुआ नहीं ,
हर कोई मुझे पानी (इश्क़) से दूर रखता है ,
वापस जगह पर रखकर क्यूँ हाथ धोता है ,
कहाँ है मुझमे फूल,कैसे में फूलझाड़ू हुआ ?
कोई क्यूँ न कभी मुझसे मोहब्बत पे उतारू हुआ ? (2)