सड़कों पर नमाज़ पढ़ना गलत हो सकता है,
सड़कों पर पत्थर फेंकना तो गलत है ही ,
पर क्या होता है
जब लोग शादी ,बर्थड़े के जलसे
सड़कों पर मनाया करते हैं?
क्या होता है जब चुनावी सभाओं के नाम पर,
नुक्कड़ों पर टेंट लग जाया करते हैं? (7)
भंडारे भी कराये जाते हैं सड़कों पर,
जन्माष्टमी पर पंडाल खड़े हो जाते हैं,
कश्मीर के पत्थरबाज़ तो बुरे लगते हैं
पर उन गुंडों का क्या
जो पद्मावती की रक्षा करने को,
सरेआम हुल्लड़ मचाते हैं?
क्या करते हो जब आरक्षण के नाम पर
हड़ताली चक्का जाम लगाते हैं? (15)
बातें सहनशीलता की करके ,
समभाव की कौड़ी चलाते हो,
पर क्यूँ चुनाव के आसपास ही
नमाज़ियों से टकराते हो ?
जो लगता है कि गलत है,
तो उसे बना दो गैर कानूनी ,
वरना बहुत ही हल्की लगती है
रोज़ रोज़ की फिजूल बयानी ? (23)
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